केरल हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि किसी महिला के शरीर की बनावट पर की गई टिप्पणी यौन उत्पीड़न के तहत आती है और इसे एक दंडनीय अपराध माना जाएगा।