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नेशनल लेवल पर गोल्ड जीतने वाले झारखंड के फुटबॉल खिलाड़ी आटा-चावल बेचकर कर रहे गुजारा

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धनबाद 

झारखंड के धनबाद, निचितपुर के दो नेशनल फुटबॉल खिलाड़ी आटा-चावल बेचकर गुजारा करने को विवश हैं। दोनों ही खिलाड़ी नेशनल फुटबॉल कंपीटिशन में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं। दोनों खिलाड़ियों के नाम शुभम कुमार औऱ अरुण कुमार हैं। दोनों ही धनबाद के निचितपुर टाइनशीप के रहने वाले हैं। खबर है कि तंगहाली की वजह से उनका अब फुटबॉल खेल से नाता टूट गया है। सरकार की ओर से भी उनको कोई मदद नहीं मिली है। शुभम ने अपने पिता से कुछ रुपये लेकर राशन की छोटी सी दुकान खोली है। अब इसी से परिवार का गुजारा होता है। वहीं, अरुण अपने पिता की दुकान में उनको सहयोग करने के लिए जाते हैं, जहां वे नौकरी करते हैं।   

2019 में नेशनल टूर्नामेंट में खेल चुके हैं दोनों खिलाड़ी 
गौरतलब है कि शुभम 2019 में दिल्ली में आयोजित पंचायती युवा क्रीड़ा खेल एसोसिएशन द्वारा प्रायोजित नेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट में झारखंड की टीम में शामिल थे। टीम को विजय दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। इस उपलब्धि के लिए शुभम को गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। इसके बाद भी उन्होंने कई टूर्नामेंट में झारखंड की ओऱ से फुटबॉल खेला। लेकिन अब वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। हालत ऐसी हो गयी है कि छोटी सी दुकान में आटा-चाल बेच रहे हैं। सरकार की ओर से उनकी ओऱ से कोई सहायता नहीं मिली है। 

फुटबॉल से मोह भंग हो रहा है

वहीं, अरुण कुमार भी अरुण के साथ नेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट खेल चुके हैं। पंचायती युवा क्रीड़ा खेल एसोसिएशन प्रयोजित टूर्नामेंट में झारखंड को जीत दिलाने में उनका भी अहम रोल रहा है। लेकिन अब वे आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे हैं। उनके पिता निचितपुर के बौआ मोड़ के पास एक फास्ट फूड की दुकान में नौकरी करते हैं। अरुण अपने पिता को वहां सहयोग करने के लिए प्रायः जाते रहते हैं। कोई दूसरा रोजगार नहीं है। परिवार की ऐसी हालत के कारण उनका भी फुटबॉल से मोह भंग हो चुका है।