द फॉलोअप डेस्क
टेक्नोलॉजी की दुनिया में जल्द ही बड़ा बदलाव आने वाला है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि स्मार्टफोन की तकनीक पुरानी हो चुकी है और 2030 तक स्मार्ट ग्लास ज्यादा लोकप्रिय हो जाएंगे। लोगों को स्मार्टफोन की जरूरत सिर्फ कुछ खास कामों के लिए होगी, जबकि ज्यादातर काम स्मार्ट ग्लास से ही किए जा सकेंगे।
स्मार्ट ग्लास क्यों हैं खास?
स्मार्ट ग्लास की खासियत ये होगी कि एआर (ऑगमेंटेड रियलिटी) तकनीक से जानकारी सीधे आंखों के सामने दिखेगी। हैंड्स-फ्री कनेक्टिविटी, यानी बिना छुए कॉल या मैसेज भेज सकेंगे। रियल-टाइम नेविगेशन, जिससे चलते-चलते रास्ते की जानकारी मिलेगी। पर्सनल असिस्टेंट से शेड्यूल, रिमाइंडर और अन्य जरूरी काम आसानी से हो सकेंगे। एपल का विजन प्रो स्मार्ट ग्लास का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें शानदार विजुअल्स और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग दी गई है। बेहतर बैटरी बैकअप, जिससे बार-बार चार्जिंग की जरूरत नहीं होगी। छोटा और हल्का डिजाइन, जिससे पहनने में आरामदायक रहेगा।
बड़ी कंपनियां ला रही स्मार्ट ग्लास
सिर्फ मेटा ही नहीं, बल्कि कई बड़ी कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट (होलोलेंस), गूगल, फेसबुक (ऑक्युलस), मैजिक लीप, वुजिक्स, नॉर्थ जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। रे-बैन मेटा स्मार्ट ग्लास, सोलोस एयरगो-3, वुजिक्स ब्लेड-2, ओप्पो एयर ग्लास-3 जल्द ही बाजार में आ सकते हैं। सैमसंग भी एआई फीचर्स के साथ स्मार्ट ग्लास लाने की तैयारी में है।
कैसे बदलेगा डिजिटल दुनिया से जुड़ने का तरीका?
आसान इंटरफेस- स्मार्ट ग्लास में नोटिफिकेशन, नेविगेशन और अन्य जरूरी जानकारियां सीधे आंखों के सामने दिखेंगी।
सिर्फ बोलकर होगा काम- मैसेज भेजना, कॉल करना और अन्य काम बिना हाथ लगाए किए जा सकेंगे।
बिल्ट-इन स्पीकर्स- ऑडियो नोटिफिकेशन के जरिए स्मार्ट ग्लास यूजर को हर जरूरी जानकारी देंगे।
क्या सच में खत्म होगा स्मार्टफोन का युग?
स्मार्ट ग्लास तकनीक तेजी से विकसित हो रही है और भविष्य में स्मार्टफोन की जगह ले सकती है। हालांकि, यह पूरी तरह कब और कैसे होगा, यह देखने वाली बात होगी।