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फिल्में पैसे से नहीं, बल्कि लगातार कोशिश और आत्मविश्वास से बनती है- शशि वर्मा

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द फॉलोअप टीम, रांची:

 डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभाग में झरोखा - 2021 के नाम से फिल्म मेकिंग और एक्टिंग पर कार्यशाला चल रही है। आयोजन कला-संस्कृति विभाग के सहयोग से किया गया है। वर्कशॉप के चौथे दिन फिल्म निर्देशक और लेखक शशि वर्मा ने बताया कि फिल्में पैसे से नहीं, बल्कि लगातार कोशिश और आत्मविश्वास से बनती है। उन्होंने अनुभव को साझा करते हुए कहा-“किसी सोर्ट फिल्म या फिल्म की सफलता से ज्यादा ध्यान उसे बनाने पर देना चाहिए क्योंकि सोचते तो सभी हैं, पर उसपर काम वही करता है जिसमें  आत्मविश्वास होता है। सोचना, समझना और उसे किसी पन्ने पर उतरना एक स्क्रिप्ट राइटर की पहचान होती है जो आप विद्यार्थियों में से कोई भी हो सकता है। सिनेमा प्रभावशाली माध्यम है।

 

 

फिल्म मेकिंग के शिक्षक अनुज कुमार ने प्रोडक्शन के तीन स्टेजेस- प्री- प्रोडक्शन, मिड प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन के बारे में बताया। उन्होंने विशेष रूप से फिल्म लोकेशन, डायरेक्शन, स्क्रिप्ट सोचने, लिखने और उसे हुबहु पर्दे पर उतारने जैसे विषयों को बताया।

 

दूसरे सत्र में, कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हिंदी विभाग के प्रमुख डॉ अनिल ठाकुर ने विद्यार्थियों को पटकथा/स्क्रीनप्ले जैसे बिन्दुओं पर चर्चा की। जिसमें उन्होंने सीन नंबर, समय, कलाकार, दृश्य और फिल्म कहां और कैसे फिल्माना है उससे संबंधित जानकारियां दी। उन्होंने फिल्म जगत के महान निर्देशक सत्यजीत रे के विभिन्न उपलब्धियों और फिल्मों की चर्चा की, जो विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा।