द फॉलोअप टीम, लातेहार:
कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लुंडी गाँव की महिलाओं ने आवाज़ बुलंद की है। गाँव के नीलाम्बर पीताम्बर विधा निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल महिलाओं ने घरेलू महिला हिंसा बंद करो, भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, भीख नहीं अधिकार चाहिए, जीने का सम्मान चाहिए, यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाये। हस्ताक्षर करके इसे जड़ से मिटाने का संकल्प लिया है। घरेलू महिला हिंसा पखवाड़ा के तहत आयोजन नीलाम्बर पीताम्बर जन कल्याण सेवा समिति और आदिवासी विमेंस नेटवर्क ने किया था।
समिति के सचिव लाल मोहन सिंह ने कहा कि 74-75 साल बाद आज भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जबकि संवैधानिक व्यवस्था ने सबको सम्मान अधिकार दिये हैं। सामाजिक व्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नहीं प्राप्त हो पा रहा है। इसलिए समाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है। जिला परिषद सदस्य आशा देवी ने कहा कि भारत में हिंसा कई रूप में होती है। 70 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन में किसी न किसी रूप में हिंसा का सामना करती हैं। कोरोना महामारी के बाद लैंगिक हिंसा का दर बढ़ कर पहले से अधिक हो गया हैं। सभी लोग एकजुट होकर हिंसा मुक्त जीवन के लिए संघर्ष करें। नीलाम्बर पीताम्बर विधा निकेतन के प्रबंधक संतोष कुमार सिंह ने ग्रामीणों से लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढा़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है।
स्वागत मनफिरन सिंह ने और संचालन ललीता कुमारी धन्यवाद ज्ञापन भावी मुखिया प्रत्याशी बिमला देवी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बाबूलाल सिंह, रामकृत सिंह, बलराम सिंह, सबिता देवी, लालमणि देवी, सोनी कुमारी, सीतामनी देवी, मनिता देवी, प्रतिमा कुमारी, लाखो देवी, ललीता देवी, संतोषी देवी, सुनीता कुमारी, उषा देवी, सोहराई सिंह समेत अन्य ग्रामीण महिला-पुरुष शामिल थे।