द फॉलोअप टीम, रांची:
22 अगस्त यानी कल रक्षाबंधन है। यह पर्व हर साल सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीँ भाई अपनी बहन को नेग के तौर पर रुपये या उपहार देते हैं। शास्त्रों के अनुसार राखी बांधते समय भद्रा नहीं होना चाहिए। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं रहेगी। इसलिए, इस बार का रक्षाबंधन बेहद शुभ। रक्षाबंधन के दिन चंद्रदेव की पूजा करने से मन स्थिर रहता है और मानसिक शांति मिलती है।
राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त
राखी बांधने के लिए सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 10 बजकर 34 मिनट तक शुभ योग है। इस दौरान शोभन योग बनेगा। वहीं इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगेगा, जो शाम को करीब 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा, जो लोग दोपहर में राखी बांधना चाहते हैं। वे 01 बजकर 42 मिनट से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। ये राखी बांधने का सबसे शुभ समय होगा।
रक्षाबंधन पूजन विधि
राखी बांधते समय कुछ खास उपाय करने से इसका शुभ फल मिलता है। सुबह स्नान के बाद पूजा की थाली में रोली, अक्षत, चंदन के साथ ही दही, राखी, मिठाई और दीपक घी रख लें। इसके बाद इसे भगवान को समर्पित कर दें। अब भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह कर बैठाएं। भाई के सिर पर साफ कपड़ा रखें और माथे पर सबसे पहले तिलक लगाते हुए रोली, अक्षत व चंदन लगाएं। जिसके बाद राखी यानी रक्षासूत्र बांधकर आरती करें।
हनुमान जी को भी बांधें राखी
रक्षाबंधन पर अगर बहनें हनुमान जी को राखी बांधती हैं तो भाई पर आने वाले संकट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। बहनें भाई को नजर दोष से बचाने के लिए फिटकरी लें और फिर उसे सात बार भाई के ऊपर से उतार कर उस फिटकरी को चूल्हे में जला दें या किसी चौराहे पर फेंक दें। ऐसा करने से नजर दोष दूर होता है। बहनें राखी को पहले देवी मां के चरणों में अर्पित करें। उसके बाद भाई की कलाई पर बांधें। रक्षाबंधन पर अगर अनुष्ठान किया जाए तो मां लक्ष्मी की असीम कृपा बरसती है।