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ना तो सुई थी और ना ही सिलाई मशीन, मानव सभ्यता की शुरुआत में कैसे बनते थे कपड़े! 

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द फॉलोअप टीम, डेस्क:

आज हमारे पास इतनी आधुनिक सुख-सुविधएं है कि हम जिस तरह के कपड़े दिमाग में सोचते हैं वैसे कपड़े बनकर तैयार हो जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है हमारे पूर्वज यानी आदि मानव किस तरह से अपने कपड़े बनाते थे और उन्हें संरक्षित कैसे करते थे। आदि मानव क्या पहनते थे और उन्होंने कपड़े कैसे बनाए इसके पुरातात्विक सबूत मिलना बेहद मुश्किल है।

फर और चमड़ों को संरक्षित करने का तरीका
उस समय फर, चमड़ा और दूसरे कार्बनिक पदार्थों को संरक्षित करना मुश्किल था। रिसर्चर्स का कहना है कि मोरक्को की एक गुफा में हड्डियों के 62 उपकरण पाए गए है, जिनका इस्तेमाल जानवरों की खाल को चिकना और संरक्षित करने के लिए किया जाता था। रिसर्चर्स का कहना है कि इससे कपड़ों के इतिहास के कुछ शुरुआती सबूत मिल सकते हैं। 

हजारों साल पुराना है इतिहास 
जो उपकरण पाए गए है वो 90,000 से 120,000 साल पुराने हैं। Max Planck Institute for the Science of Human History के Pan African Evolution रिसर्च ग्रुप में पोस्टडॉक्टरल वैज्ञानिक एमिली युको हैलेट ने कहा किइस खोज की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, 'मैं प्राचीन मानव आहार के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जानवरों की हड्डियों की खोज के लिए इस जगह का अध्ययन कर रही थी। वहां 12,000 जानवरों की हड्डियां थीं। जब मैं उनकी जांच कर रही थी तो मैंने इन पर गौर करना शुरू किया क्योंकि इनका आकार बहुत अलग था। इन हड्डियों की बनावट प्राकृतिक नहीं थी। ये चमकदार थीं और इन पर धारियां या खरोंच बनी हुई थी।' 

हड्डियों में है अलग पैटर्न 
रिसर्चर ने कहा खाने के लिए किसी जानवर का सेवन करने के बाद छोड़ी गई हड्डियों से यह हड्डियां बेहद अलग थी। इन हड्डियों पर कटे हुए निशान का एक पैटर्न है। यह इस बात का संकेत है कि वहां रहने वाले मनुष्य अपने फर के लिए लोमड़ियों, सियार और जंगली बिल्लियों जैसे मांसाहारियों की खाल निकालते थे। हड्डियों में अलग-अलग निशान हैं जो इस बात का संकेत है कि उन्होंने मांस के लिए संसाधित किया गया था। रिसर्चर ने कहा कि उम्मीद है कि प्राचीन स्थलों पर काम करने वाले पुरातत्वविद भी इस पैटर्न की तलाश शुरू कर देंगे।