द फॉलोअप टीम,
रांची :
झारखण्ड के छात्रों के लिए अच्छी खबर आई है। कल्याण विभाग (welfare department) के 136 आवासीय विद्यालयों के 21 हजार छात्रों को राज्य सरकार टैब देगी। ये टैब पहली से 12वीं कक्षा तक के सभी छात्रों को दिए जाएंगे। इसमें सिम के साथ एक साल के लिए इंटरनेट पैक भी रहेगा, जिनमें रोजाना दो जीबी डाटा नि:शुल्क मिलेगा। इसके साथ ही सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए टैब में अलग-अलग लर्निंग मैटेरियल रहेंगे। साथ में ऑडियो-विजुअल मैटेरियल (audio-visual material) भी रहेगा।
कुल 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के 40 हजार स्कूलों में 40 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इनमें लाखों बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। राज्य में गूगल मीट के जरिए ऑनलाइन क्लास (online class) चलाए जा रहे हैं, लेकिन इनमें 28 प्रतिशत बच्चे ही शामिल हो पा रहे हैं। सरकार अगर एक कदम और आगे बढ़ाए, सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैब दे तो उनके लिए बड़ी आसानी होगी। वे भी कोरोना के माहौल में पढ़ सकेंगे। अभी सरकार कल्याण विभाग के स्कूलों के बच्चों को टैब देने पर 25 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। हालांकि प्रस्ताव में कहा गया है कल्याण विभाग के आवासीय स्कूलों के छात्रों पर सालाना 70 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। स्कूल 15 महीने से बंद है। इन पर कोई भी खर्च नहीं हो रहा है। इसलिए इन पैसों का इस्तेमाल टैब की खरीदारी में की जा सकती है।
पढ़ाई की है पूरी सुविधा
बता दें कि अगर ऑनलाइन कक्षा के दौरान कोई बच्चा जुड़ नहीं पाया तो वह लर्निंग मैटेरियल के माध्यम से भी अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएगा। एक टैब पर 12 हजार रुपए खर्च होने के अनुमान है। इस तरह पूरी योजना पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके साथ ही कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद कैबिनेट में यह प्रस्ताव भेजा जाएगा। कोरोना के दौर में स्कूल बंद रहने के कारण टैब ही बच्चों का एक मात्र आसरा है, उसी की जरिए ऑनलाइन पढ़ाई हो पाएगी।