द फॉलोअप टीम, दुमका:
दुमका जिला के भुरकुंडा पंचायत अंतर्गत दुंदिया गांव में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। दुंदिया गांव में दिसोम मरांग बुरु युग जाहेर आखड़ा और ग्रामीणों ने बैठक की। बैठक में चर्चा की गई कि यदि विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए कमरा का आवंटन किया जा सकता है तो फिर आदिवासियों के पूजा स्थल मांझी थान औऱ जाहेर थान की स्थापना क्यों नहीं की जा सकती। ग्रामीणों ने कहा कि आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति और धर्म को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ये जरूरी है।
मंझी थान और जाहेर थान की स्थापना
गौरतलब है कि ग्रामीणों और दिसोम मरांग बुरु युग जाहेर आखड़ा ने विधानसभा भवन में नमाज के लिए कमरा आवंटन को लेकर सरकार को धन्यवाद भी कहा। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक बसंत सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ये मांग की है कि विधानसभा भवन में आदिवासियों के लिए जाहेर थान और मांझी थान की स्थापना की जाये। आदिवासियों ने कहा कि मांझी थान और जाहेर थान वैसे भी प्रकृति पूजा का द्योतक है। इससे सर्वधर्म समभाव की स्थापना को बल मिलेगा।
पुलिस थानों में मंझी थान की स्थापना हो
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में ग्रामीणों और आखड़ा ने ये भी मांग की है कि अनुसूचित क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास आदि के समय आदिवासी पुरोहित नायकी से भी पूजा-पाठ करवाया जाये। अनुसूचित इलाकों में स्थापित पुलिस थानों में भी आदिवासियों के पूजा स्थल मांझी थान की स्थापना की जाये, तभी आबुआ दिसोम-आबुआ राज की संकल्पना पूरी होगी।