द फॉलोअप टीम, रांचीः
रांची के सांसद संजय सेठ ने सवाल किया था कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत रांची सहित पूरे झारखंड में अब तक कितने खाते खुले हैं। इसमें निजी बैंकों की क्या भूमिका रही? अब तक कितने स्ट्रीट वेंडर्स को उनके व्यवसाय के लिए लोन दिए गए। इसके जवाब केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत कराद ने लोकसभा में दिया और बताया कि प्रधानमंत्री जनधन खाता खोलने में विभिन्न बैंकों से जुड़े बिजनेस कॉरस्पॉडेंट की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही। इस योजना के तहत झारखंड में 1.59 करोड़ खाते खोले गए, जिसमें रांची में एक 11.29 लाख खाते जन धन योजना से खुले। इन खातों को खोलने में सरकारी बैंकों ने सबसे अधिक बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 1.59 करोड़ खातों में सिर्फ 1.60 लाख खाते ही 14 निजी बैंकों ने खोले।
स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार का लोन
सांसद के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में सबसे अधिक समस्याएं स्ट्रीट वेंडर्स को झेलनी पड़ी। उनका व्यवसाय बंद हो गया। उनकी पूंजी खत्म हो गई। ये सब फिर से अपना व्यवसाय शुरू कर सकें, इसके लिए इन्हें 10000 का एक लोन दिया गया। आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत प्रधानमंत्री ने सभी स्ट्रीट वेंडर्स को यह सुविधा उपलब्ध कराई। इसके तहत प्रथम चरण में संबंधित वेंडर को 10000 का लोन दिया जाना है। साल भर के अंदर यदि इसकी वापसी कर देता है तो उसे दूसरे चरण में 20000 और तीसरे चरण में 50000 तक लोन देने का प्रावधान है। इस प्रावधान के तहत अब तक 26.80 लाख स्ट्रीट वेंडर को 10000 का लोन दिया गया जबकि 33, 000 से अधिक को 20000 तक का लोन दिया गया ताकि वे अपना बिजनेस को सुचारू रूप से चला सके।