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ओमिक्रॉन से बचाव के लिए कितना तैयार है भारत का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर! 

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता को संबोधित किया। ये प्रेस वार्ता कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के आलोक में आयोजित की गई थी। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि दुनिया में वायरस का चौथा उछाल देखा जा रहा है। पॉजिटिविटी दर 6.1 फीसदी है। उन्होंने कहा कि हमें सतर्क रहना होगा। राजेश भूषण ने कहा कि किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। 

17 राज्यों में मिले हैं 358 ओमिक्रॉन संक्रमित
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि इस समय कोविड के सबसे अधिक सक्रिय मामले शीर्ष पांच राज्यों केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 328 मरीज मिले हैं जो ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हैं। बताया कि अभी तक 114 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और डिस्चार्ड हो गये हैं। स्वास्थ्य सचिव ने मौजूदा समय में देश में कोरोना से लड़ाई में उपलब्ध हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बात की। 

ओमिक्रॉन से जंग के लिए कितना तैयार भारत!
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने बताया कि इस समय हमारे पास 18 लाख 10 हजार 83 आइसोलेशन बेड हैं। 4 लाख 94 हजार 314 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। 1 लाख 39 हजार 300 आईसीयू बेड हैं। 24 हजार 57 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड हैं (जिसे खासतौर पर बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। 64 हजार 796 पीडियाट्रिक नॉन-आईसीयू बेड हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अभी तक 89 फीसदी आबादी को कोविड टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। 61 फीसदी आबादी को दोनों डोज दिया जा चुका है। 


स्वास्थ्य सचिव ने ये भी बताया कि पहली लहर से दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग में 10 गुना वृद्धि हो गई थी। इसी को ध्यान में रखकर रोजाना 18 हजार 800 मीट्रिक टन चिकित्सा ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि चिंता का मुख्य कारण ये है कि चिंता का कारण वैसे 11 राज्य हैं जहां टीकाकऱण का कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है। इसे बढ़ाना होगा। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को क्या निर्देश दिया
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने 21 दिसंबर को राज्यों के साथ आपात बैठक की थी। सभी राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे नाईट कर्फ्यू और बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध जैसी पाबंदियां लागू करें। राज्यों में अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जाये। अन्य स्वास्थ्य उपकरणों की संख्या में भी वृद्धि की जाये। नागरिकों से अनिवार्य रूप से कोविड प्रोटोकॉल का सख्त पालन करवाया जाये। इन्होंने बताया कि जिस प्रकार डेल्टा वेरिएंट का इलाज किया जा रहा था, ओमिक्रॉन में भी वही लागू होगा।