द फॉलोअप टीम, रांचीः
डॉ करमा उरांव ने कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासियों का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन इसको हासिल करने के लिए आदिवासी संगठनों को एकजुट होना पड़ेगा। इसके बाद ही 2021 के जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों को अलग पहचान मिल सकेगी। वो शनिवार को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर हुई बैठक में बोल रहे थे। राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले बैठक में 32 जनजातियों के प्रतिनिधी शामिल हुए।
बैठक में 32 जनजातियों के प्रतिनिधी शामिल हुए
केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कराने को लेकर बैठक में रणनीति बनी। 21 मार्च को मोरहाबादी मैदान में विशाल महासम्मेलन का निर्णय लिया गया। बैठक में धर्मगुरु बंधन तिग्गा के इलाज में मुख्यमंत्री से सहयोग की अपील भी की गई।