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निजीकरण के खिलाफ आज आम हड़ताल, सरकारी बैंक सहित बंद रहेंगे कई सरकारी प्रतिष्ठान

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द फाॅलोअप टीम, रांची 
सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर 26 नवंबर को सभी बैंकों में हड़ताल होगी। सभी व्यावसायिक और ग्रामीण बैंकों में काम ठप रहेंगे। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक ने खुद को हड़ताल से अलग रखा है। केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए रांची में भारी तैयारी की गयी है। इस हड़ताल को लेकर कई मजदूर संगठनों ने अपने-अपने तरीके से बैठकें की है।

बैंक के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी-अधिकारी मैदान में 
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएश के अनुसार बैंक यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने, बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने, कॉरपोरेट घरानों से एनपीए ऋण की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई करने, अस्थायी कर्मियों का नियमितीकरण, आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध, खाली पदों पर अविलंब नियुक्ति, 31 मार्च 2010 के बाद योगदान करने वाले बैंककर्मियों के लिए एनपीएस के बजाय पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्वयन और ग्रामीण बैंकों में प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के साथ ही 11वें द्विपक्षीय वेतन समझौता को एक नवंबर 2017 के प्रभाव से लागू करने संबंधी 10 सूत्री मांगों को लेकर बैंककर्मी 26 नवंबर यानी आज हड़ताल पर रहेंगे।

मजदूर संगठनों की मांग 
देश के सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर 26 नवंबर को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए बुधवार को विभिन्न संगठनों की बैठक हुई। इस हड़ताल में ऐक्टू, सीटू आदि कई संगठनों से जुड़े श्रमिक शामिल हो रहे हैं। श्रमिकों की मांग है कि रिकार्ड तोड़ बेरोजगारी व कमर तोड़ महंगाई, श्रम कोड कानूनों, कंपनी राज-निजीकरण और देश के संसाधनों को बेचने और संविधान व लोकतंत्र पर हमले को अविलंब रोका जाए। 

एसबीआई ने अपने को हड़ताल से किया अलग
केंद्रीय श्रमिक संगठनों का भारत सरकार के जनविरोधी नीति एवं सार्वजनिक उपक्रमों के नीजिकरण नीति के खिलाफ 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल से एसबीआई ने अपने आप को अलग कर लिया है। इस हड़ताल में एसबीआई को छोड़कर सभी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हो रहे हैं। 

संविदा और दैनिक कर्मी भी हड़ताल में हो रहे हैं शामिल 
केंद्र और राज्य सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का समर्थन नगर निगमों के कर्मचारी संघों ने भी किया है। दस ट्रेड यूनियन सहित कई सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी, नगर निगम संविदा एवं दैनिक कामगार यूनियन की संयुक्त कार्यकारिणी समिति की बैठक में हड़ताल को सफल बनाने का निर्णय लिया गया। 
सीपीआई सहित कई वाम पार्टियों ने किया हड़ताल का समर्थन 
इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवाद कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले, एसयूसीआई आदि कई वामधर्मी पार्टियों ने बैठकें की है। अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बुधवार को बिहार एवं झारखंड में कई स्थानों पर बैठकें की गयी थी। 

इंटक ने भी हड़ताल का किया समर्थन 
हड़ताल का इंटक ने भी समर्थन किया है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर 26 नवंबर को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल का इंटक कांग्रेस ने भी समर्थन किया है।
 
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हड़ताल को लेकर रांची में भारी तैयारी 
केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए रांची में भारी तैयारी की गयी है। इस हड़ताल को लेकर कई मजदूर संगठनों ने अपने-अपने तरीके से बैठकें की है। धुर्वा औद्योगिक क्षेत्र में हड़ताल के व्यापक असर की संभावना जताई जा रही है। सीसीएल, बीसीसीएल आदि कोयला कर्मचारियों ने भी हड़ताल को लेकर अपने-अपने तरीके से तैयारी कर रखी है। तीन वाम पार्टियों के साथ ही साथ कांग्रेस से जुड़े श्रमिक संगठन के समर्थन के बाद झारखंड में इस आम हड़ताल का प्रभाव सुबह से ही दिखने को मिल रहा है। अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों के अलावा बैंक कार्यालयों के पास सुबह से ही हड़ताल समर्थक कर्मचारी जुटने लगे हैं।