द फॉलोअप टीम, कोलकाता:
देश के पश्चिमी तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान 'यास' (Yas) का खतरा है। पश्चिम बंगाल में पिछले साल आए सुपर साइक्लोन अम्फान (Super cyclone amfan) के ठीक 1 साल बाद अब बुधवार को चक्रवाती तूफान यास का खतरा मंडराने लगा है।
पिछले साल अम्फान ने मचाई थी तबाही
प्रदेश में पिछले साल भी बुधवार को अम्फान ने तबाही मचाई थी जबकि इस बार भी आशंका जताई जा रही है। दिलचस्पी की बात यह है कि 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha poornima) भी है और कई विशेषज्ञों का दावा है कि पूर्णिमा या इसके आसपास ही अक्सर समुद्री चक्रवात(Sea cyclone) आते हैं।
तूफ़ान और पूर्णिमा का क्या है संबंध
जानकारी के मुताबिक पिछले साल चक्रवाती तूफ़ान 'अम्फान' बुद्ध पूर्णिमा के कुछ दिनों बाद आया था। पिछले साल 6 मई बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा था और वहीं 20 मई को अम्फान ने तबाही मचाई थी। इस बार 26 मई को भी बुधवार है और इस बात का वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रमा की गतिविधियों का समुद्र पर गहरा असर होता है। पूर्णिमा के कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठती हैं जिसे ज्वारभाटा (high tide) कहा जाता है। कभी-कभी पूर्णिमा के आसपास भी चक्रवात आते हैं। अम्फान पूर्णिमा के बाद आया था जबकि यास पूर्णिमा के दिन आने वाला है। विज्ञान के मुताबिक महीने में मुख्य रूप से 2 बार पूर्णिमा और अमावस्या होती है जब समुद्र की लहरें काफी ऊंची उठती हैं।
लाखों लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थान
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक यास से बंगाल के 20 जिलों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। उन जिलों में 4 हजार राहत शिविर खोले गए जबकि 10 लाख लोगों को जोखिम वाले स्थानों से हटाकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। इसके साथ ही एनडीआरएफ(NDRF), एसडीआरएफ(SDRF) व नौसेना(Navy) की टीमें वहां मुस्तैद हैं। तटवर्ती इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से दिनभर लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है।