logo

देश के सबसे कम उम्र के इन IPS,  IAS और JUDGE को जानिये कैसे हासिल की मंज़िल 

11285news.jpg

द फॉलोअप टीम, रांची:

एक तरफ जहां युवा जहाँ 21-22 साल की उम्र में अपनी ज़िन्दगी के फैसले नहीं ले पाते कि उन्हें क्या करना है क्या नहीं। वहीं दूसरी तरफ कुछ युवक इसी उम्र में अपनी कामयाबी से इतिहास लिख डालते हैं।  उन्हीं इतिहास रचने वालों में 3 ऐसे नाम हैं, जो कभी गरीबी और विलासिता में अपनी जीवन गुजारते थे। वह आज देश के सबसे कम उम्र में IAS, IPS और Judge  बन बैठे हैं।  इन तीनों ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही अपनी मंजिलों को हासिल कर लिया। इनका नाम हैं IAS अंसार अहमद शेख, IPS हसन सफीन, जज मयंक प्रताप सिंह।  आज हम यहां उनके जीवन-संघर्ष की कहानी जानेंगे। 

मजदूर के बेटा हसन सफीन

सफीन हसन गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनुपर तहसील के गांव कणोदर में 21 जुलाई 1995 को पैदा हुए। उन्होंने अपने गांव कणोदर के सरकारी स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई की। इंटर उन्होंने पालनपुर के प्राइवेट स्कूल से की। सफीन की पढ़ाई के प्रति लगन को देखकर प्रिंसिपल ने फीस माफ कर दी थी। फिर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (एनआईटी) से इंजीनियरिंग की। उनके माता-पिता डायमंड यूनिट में श्रमिक थे। इसके बाद फिर पिता मुस्‍तफा इलेक्ट्रिशियन का काम करने लगे। वह अंडे का ठेला भी लगाते थे जिस पर कई सफीन हसन भी बैठते थे। मां विवाह समारोह में रोटी बेलने का काम करती थीं। सफीन हसन यूपीएससी परीक्षा 2017 में 570रैंक कर आईपीएस बने। तब इनकी उम्र महज 22 साल थी।

बीपीएल परिवार के अंसार अहमद शेख

अहमद शेख का जन्म 1 जून 1995 को महाराष्ट्र के जालना जिले के शेलगांव में हुआ। अंसार जब चौथी क्लास में थे तो उनके पिता मुफलीसी का हवाला देते हुए स्कूल से उनका नाम कटवाने पहुंच गए थे। लेकिन उनके टीचर ने उनको समझाया तब जाकर उनकी पढ़ाई आगे कंटीन्यू रही। अंसार ने 12वीं कक्षा में 91 फीसदी अंक लाकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद उन्होंने राजनीति विज्ञान में बीए किया। वह अपने  खानदान में पहले ग्रेजुएट हैं। उनका परिवार बीपीएल श्रेणी में हुआ करता था। पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए अंसार एक होटल में वैटर का काम करते थे।  इनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे। मां खेत में मजदूरी करती थी। अंसार ने यूपीएससी 2015 में 361वीं रैंक हासिल कर 21 साल की उम्र में आईएएस बने।

स्‍कूल टीचर थे मयंक प्रताप के पिता

मयंक प्रताप सिंह सबसे कम उम्र के जज बने थे।  मयंक जयपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत थे।  वहीं मां भी सरकारी टीचर। मयंक का जन्म 1998 में हुआ। उन्होंने राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा 2018 में यह सफलता हासिल की है। खास बात यह है कि बिना किसी कोचिंग के मयंक ने महज 21 साल की उम्र में जज बनकर दिखाया है। मयंक ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने कभी सोशल मीडिया का उपयोग नहीं किया था। इनसे दूरी रखने का उद्देश्य अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से फोकस रखना था। वह इंटरनेट का इस्तेमाल पढ़ाई करने के लिए किया करते थे। मगर सिर्फ राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा और कानून संबंधी नई जानकारियां लेने के लिए।