द फॉलोअप टीम, रांची :
अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े मामले भाजपा ने मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए सराकर पर पलटवार किया है। बुधवार को भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव नें कहा कि मुख्यमंत्री ने बिना जांच किए ही फर्जीवाड़े के लिए पूर्व सरकार को जिम्मेवार ठहरा दिया। यह मुख्यमंत्री की गलतबयानी है। प्रतुल ने कहा कि प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मींस अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति केंद्र सरकार के नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल से डीबीटी के माध्यम से सीधे विद्यार्थियों के खाते में आती है। पूर्व में केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय से प्राप्त पत्र एवं लाभुक की सूची के आलोक में राज्य सरकार की एजेंसी झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के द्वारा सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों से लाभुक संस्थानों एवं लाभ छात्र-छात्राओं की जांच कराई गई थी। इसके बाद 46000 लाभुक संस्थानों की संख्या घटकर 3100 हो गई थी। इसी प्रकार लाभ छात्र-छात्राओं के लगभग दो लाख आवेदन में से मात्र 95000 को ही छात्रवृत्ति दी गई थी। प्रतुल ने कहा कि यह पूर्व कि भाजपा के रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार के द्वारा कार्रवाई के कारण हो सका। मौके पर मीडिया प्रभारी शिवपूजलन पाठक भी उपस्थित थे।
राजनीतिक लाभ के लिए तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं मुख्यमंत्री -
प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। प्रतुल ने कहा कि पिछली सरकार में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस था। जैसे ही गड़बड़ी की सूचना राज्य सरकार को मिली तो राज्य सरकार की नोडल एजेंसी झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम ने तुरंत इस मामले में कड़े कदम उठाए थे जिसके कारण 46000 संस्थानों में सिर्फ 3100 संस्थानों को मंजूरी दी गई थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल के 10 महीने में इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई की है।