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इस थानेदार से परेशान हैं दुमका के हर अधिकारी, अपनी हरकतों से नहीं आ रहे बाज

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द फॉलोअप टीम, दुमकाः
शिकारीपाड़ा के थानेदार पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार से दुमका के हर अधिकारी परेशान हैं, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।  वन विभाग, जिला परिवहन कार्यालय, प्रखंड विकास पदाधिकारी के हर अधिकारी ने वरीय अधिकारी से थानेदार की शिकायत की है, लेकिन थानेदार अपनी कुर्सी पर जमा हुआ है। किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इस बार दुमका के उपायुक्त ने दुमका के एसपी के अलावा पुलिस मुख्यालय व गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखकर पुलिस इंस्पेक्टर सुशील कुमार की शिकायत की है।  

किस तरह की हरकतें है थानेदार की 
उपायुक्त ने पत्र में लिखा कि 22 नवंबर को डीटीओ दुमका संथाल परगना प्रमंडल दुमका के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव के साथ शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों के परिचालन के रोकथाम वह पहुंचे थे। वहां पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने के लिए थानेदार सुशील से कहा गया था लेकिन लंबे इंतजार के बावजूद उन्हें सहयोग नहीं मिला। पर्याप्त पुलिस बल नहीं मिला जिससे हाइवा चालक वाहन छोड़कर भाग निकले। 

पहले भी कई लापरवाही हुई 
उपायुक्त ने यह भी कहा कि 08 जुलाई को शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पिनरगडिय़ा क्षेत्र में ओवरलोड व अवैध वाहनों के परिचालन की जांच के के समय अवांछित तत्वों ने पथराव किया था। उस मामले में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में समुचित कार्रवाई नहीं की गई। 16 अगस्त को शिकारीपाड़ा के बीडीओ ने भी उपायुक्त से शिकायत की थी कि प्रखंड सह अंचल के विधि व्यवस्था कार्यों में सुशील से सहयोग नहीं मिलता है। कोविड-19 टीकाकरण की मेडिकल टीम पर ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की थी। उस वक्त भी शिकारीपाड़ा थानेदार ने मदद नहीं की थी। 

छापेमारी में सहयोग नहीं मिला 
उपायुक्त के पास दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने भी शिकायत की कि 23 अक्टूबर को शिकारीपाड़ा वन परिसर में हो रहे अवैध कोयला उत्खनन की रोकथाम में थानेदार ने सहयोग नहीं किया, जिसके चलते वन कर्मियों को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा। उपायुक्त ने कहा कि थानेदार शिकारीपाड़ा क्षेत्र में शांति व विधि-व्यवस्था, अवैध उत्खनन सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों में अपेक्षित सहयोग नहीं करते हैं, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए।