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लिपिस्टिक ब्वॉय में लौंडा नाच करने वालों की जिंदगी का दर्द बयां

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द फॉलोअप टीम, पटना:
सुहागरात इम्पासिबल अभिनव ठाकुर की पहली फिल्म थी। जिसे भारत और चीन में देखा और सराहा गया। अब नई फिल्म लेकर अपने अभिनव प्रयोग के साथ अभिनव हाजिर हैं। नाम है, लिपिस्टिक ब्वॉय। जिसमें लौंडा नाच करने वालों की जिंदगी के दर्द को बयां किया गया हे। जिसकी ज्यादातर शूटिंग बिहार के गांवों में ही हुई है। कहानी और निर्देशन दोनों अभिनव ठाकुर का है।



कुमार उदय की जीवनी से मूवी कराएगी रुबरू
अभिनव ठाकुर ने बताया कि लिपिस्टिक ब्वॉय की कहानी बिहार के नालंदा जिला के रहने वाले कुमार उदय सिंह की जिंदगी से रुबरू कराएगी। उदय लंबे समय से लौंडा नाच करते आ रहे हैं। उनको लौंडा नाच करना पसंद है, लेकिन इसके कारण उन्हें कई संकटों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन कला के प्रति जुनून ने उन्हें आंसू को घोंटना पड़ा। विपरीत स्थितियां में भी उदय ने कभी हार नहीं मानी।

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क्या है लौंडा नाच
बहुत पहले सार्वजनिक तौर पर महिलाओं के नाच-गान पर प्रतिबंध था। इस वजहकर लड़के ही स्त्रियों की वेशभूषा में ठुमके लगाकर लोगों का मनोरंजन किया करते थे। इसे ही लौंडा नाच कहा जाता है। सामंती दौर में इसका प्रचलन बहुत रहा। हालांकि भोजपुरी के शेक्सरपीयर कहे गए भिखारी ठाकुर ने खुद अपने नाटकों में स्त्री के किरदार के लिए ऐसे लड़कों का इस्तेमाल किया। बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के कुछ इलाकों में लौंडा नाच बहुत मशहूर रहा है।