द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी की पहली खेप भारत पहुंच गयी। इस वैक्सीन को अप्रैल महीने की शुरुआत में भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। डीजीसीआई ने वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। कहा जा रहा है कि स्पूतनिक वी 91.6 फीसदी तक कारगर है। इस वैक्सीन का साइड इफेक्ट भी ना के बराबर है। रूस का कहना है कि ये सबसे प्रभावी कोविड वैक्सीन है।
सबसे प्रभावी वैक्सीन होने का दावा किया
भारत में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत 1 मई से होगी। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी की वजह से वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी आने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इस वैक्सीन को गमालया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। कंपनी का कहना है कि उनकी वैक्सीन विश्व की किसी भी वैक्सीन से ज्यादा प्रभावी है। फरवरी महीने में ही वैक्सीन का तीसरा चरण का ट्रायल पूरा किया गया। वैक्सीन 91.6 फीसदी तक सेफ और इफेक्टिव पाया गया। 20 हजार वॉलेंटियर्स का डाटा जुटाया गया था।
अप्रैल में मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी
अप्रैल महीने में वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली। भारत की केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने देश में कुछ शर्तों के साथ रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी। सिफारिश पर डीजीसीआई ने मुहर लगा दिया था। अब इसकी पहली खेप भारत आ गयी है। देखना होगा कि कब इसका इस्तेमाल शुरू किया जाता है।
1 मई से शुरू होगा वैक्सीनेशन का तीसरा चरण
भारत में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत 1 मई से होगी। वैक्सीनेशन अभियान के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी। अप्रैल में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू किया गया था। पहली मई से देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। भारत में अब तक कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।