द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि डीवीसी के बकाया के रूप में आरबीआई के माध्यम से राज्य सरकार के खाते से एकमुश्त राशि की कटौती ना करें। वित्तमंत्री ने आज रांची में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण झारखंड में राजस्व संग्रहण का काम कम हो गया है, जबकि केंद्र सरकार के पास राजस्व संग्रहण के कई साधन है। राज्यों के पास सीमित संसाधनों के माध्यम से राजस्व संग्रहण हो पाता है। वहीं कोरोना काल में उद्योग-धंधे, व्यवसायिक प्रतिष्ठान से लेकर आम लोगों की भी मुश्किलें बढ़ी है, जिसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इसलिए केंद्र सरकार फिलहाल बकाया वसूली के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। राज्य सरकार किस्तों में बकाया राशि भुगतान करने को तैयार है। हरसंभव बकाया राशि के भुगतान भी किये जा रहे हैं। जबकि एकमुश्त राशि कटौती हो जाने से कई अन्य विकास योजनाओं पर भी प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है।
डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि 17 सितंबर को लखनऊ में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलायी है। इस बैठक में वे इस बार निजी कारणों से शामिल नहीं हो पाएंगे और उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया गया था कि कृषि मंत्री बादल को बैठक में शामिल होने की अनुमति दें। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति प्रदान कर दी है और जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बार झारखंड का प्रतिनिधित्व कृषि मंत्री बादल करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने वित्त मंत्री के हवाले से उक्त आशय की जानकारी दी है।