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जनजातीय भाषाओं के लिए शिक्षकों की होगी नियुक्ति, सदन में सीएम हेमंत ने की घोषणा

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है। बजट सत्र के दौरान मंगलवार को चर्चा के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में जनजातीय भाषाओं के लिए विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति जल्दी ही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने झामुमो विधायक दीपक बिरुआ, स्टीफन मरांडी और कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगारी के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में इस बात की घोषणा की। 

जनजातीय भाषाओं के लिए बनेगा विभाग
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि विश्वविद्यालयों में जनजातीय भाषाओं के लिए अलग से विभाग भी बनाया जायेगा। सीएम ने कहा कि इस राज्य में जनजातीय समूह की पुरानी परंपरा है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार जनजातीय भाषा के अंतर्गत सभी भाषाओं के शिक्षकों की अलग-अलग विभागवार नियुक्ति की पक्षधर रही है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जल्दी ही इस दिशा में सार्थक कदम उठाया जायेगा। 

अभी पांच जनजातीय भाषा की पढ़ाई होती है
जानकारी के मुताबिक झारखंड में बतौर मातृभाषा पांच जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई होती है। रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग में केवल 2 ही विषयों के स्थायी शिक्षक हैं। बाकी का पठन पाठन अनुबंधित शिक्षकों द्वारा कराया जाता है। झारखंड में विलुप्त होती जनजातीय भाषाओं पर लंबे समय से विमर्श जारी है लेकिन, इस दिशा में जितना काम होना चाहिये था वो नहीं हुआ। 

लुप्तप्राय भाषा और संस्कृति प्रलेखन केंद्र भी है
बता दें कि बीती 15 फरवरी को झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में अंतरर्राष्ट्रीय लुप्तप्राय भाषा और संस्कृति प्रलेखन केंद्र का उद्घाटन किया था। इस केंद्र में झारखंड में लुप्त हो रही जनजातीय भाषाओं को संरक्षित करने का काम किया जायेगा। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन मिलकर लुप्तप्राय जनजातीय भाषाओं का ऑनलाइन डाटाबेस तैयार किया जायेगा। बीते काफी लंबे समय से इस दिशा में काम किया जा रहा है।