द फॉलोअप टीम, रांची:
इन्कलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार कहा कि बलिदान देकर हासिल की गई चीजें आजाद देश में बेची जा रहीं हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है। कोरोना के बहाने स्कूल-कॉलेज नहीं खोल पाए, लेकिन संसद का सत्र चला तो खामोशी से नई शिक्षा नीति 2020 पारित कर दी गई। आम नागरिकों के आवगमन का सहारा रहे रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है।प्लेटफार्म टिकट तक महंगी। बाबा साहेब ने जो संविधान देश को दिया उस पर हमले जारी हैं। सरकार अपने आप को देश मानकर चल रही है। देश की संपत्ति बेची जा रही है, जिसे सरकार मुद्रीकरण कह रही है। इस देश को कारपोरेट के हाथों से बचाने के लिए आज भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। नीरज छात्र युवा रोजगार अधिकार सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।आइसा और इन्कलाबी नौजवान सभा ने मिलकर आयोजन सत्य भारती सभागार पुरुलिया रोड में किया था।
झारखंड में भी रोजगार के नाम पर केवल आश्वासन
संविधान का पाठ पढ़ कर सभा को संचालित किया गया। मंच का संचालन निवेदिता भट्टाचार्य ने किया। सम्मेलन को फादर महेंद्र पीटर, दिव्या भगत, आकाश रंजन, फादर मुकुल और प्रोफेसर अरविंद कुमार ने भी संबोधित किया। जिसमें कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र को निशाना बनाकर हमसे अभिव्यक्ति की आजादी छीन रही है। छात्र नौजवान अपने हक अधिकार रोजगार की बात करता है सरकार के खिलाफ बोलता है, तो उन पर UAPA जैसे काले कानून लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है।
इधर झारखंड की हेमंत सरकार सत्ता में इस वादे से आती है कि 500000 युवाओं को रोजगार देगी, बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देगी लेकिन अभी तक सिर्फ फार्म ही भर आए गए हैं। रोजगार के नाम पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है। सभा में आइसा के अध्यक्ष सोहेल अंसारी, इन्कलाबी नौजवान सभा के प्रदेश सचिव अमल घोषाल, अखिलेश राज, तरुण राज, नौरीन अख्तर, कमल कांत, छोटू राम, व सैकड़ों छात्र नौजवान मौजूद थे।