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एयर होस्टेस अविनाश कौर उर्फ रीना पासवान जब बैलगाड़ी से पहुंची रामविलास के शहरबन्नी गांव

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा चर्चा में है। चर्चा इसलिए कि इसके संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस पांच सांसदों  को  लेकर पार्टी से अलग हो गए। संसदीय दल के नेता बनने के साथ पार्टी के भी अध्यक्ष बन गए। केंद्र में मंत्री पद भी हथिया लिया। उधर, चराग पासवान तन्हा रह गए। लेकिन उनके साथ जनाधार है। ऐसा  लोग इसलिए कह रहे हैं कि उनकी आशीर्वाद यात्रा में जनता उमड़ रही है। चराग पासवान की मां रीना पासवान भी बेटे के साथ हैं। यह वही रीना हैं, जिनसे रामविलास ने दूसरी शादी की थी। आज कहानी हम उन्हीं  की बताने जा रहे हैं। पेंगुइन प्रकाशन से हाल ही में एक किताब आई है, “रामविलास पासवान: संकल्प, साहस और संघर्ष।”  इसमें लेखक प्रदीप श्रीवास्तव ने रामविलास के निजी जीवन से जुड़े कई किस्से दिलचस्प अंदाज में सुनाए हैं।


कम उम्र में हुई थी रामविलास की शादी
कहा जाता है कि रामविलास की उम्र जब 7-8 साल की रही होगी, तब ही उनके माता-पिता ने उनकी शादी ग्रामीण बाला राजकुमारी देवी से करा दी थी। दोनों के बीच आयु से  लेकर सोच-विचार और व्यवहार में काफी अंतर था। रामविलास का अधिक समय सामाजिक कार्यों और आंदोलन-प्रदर्शन में गुजरता था। धीरे-धीरे वो पूरी तरह से राजनीति में कूद चुके थे। और एक दिन उनसे अलग भी हो गए।



पहली पत्नीे के रहते रामविलास ने कैसे की दूसरी शादी
यह 1977 का साल है। रामविलास पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे थे। उसी दौरान वाणिज्य मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर गुरबचन सिंह से उनकी मुलाकात हुई। घर आना-जाना भी शुरू हुआ। वहीं गुरबचन की ग्रेजुएशन छात्रा बेटी अविनाश कौर से रामविलास का मिलना हुआ। बाद में वो एयर होस्टेस बनीं। उनके बीच दोस्ती  हुई, जो आहिस्ता-आहिस्ता प्यार में तब्दील हो गई। एक दिन दोनों ने शादी करने का निर्णय ले लिया। इस फैसले के बाद राजकुमारी देवी से रामविलास अलग हो गए। उसके बाद अविनाश कौर रीना पासवान में बदल गईं यानी उन्होंने रामविलास से ब्याह रचा लिया।



रामविलास की चिंता, माता-पिता से कैसे बताएं दूसरी शादी की बात 
रामविलास ने दूसरा विवाह तो जरूर कर लिया। लेकिन उनकी परेशानी काफी दिनों तक रही कि इसे परिवार में कैसे बताया जाए। खासकर माता-पिता को कैसे बताएं कि दूसरी शादी भी दिल्‍ली आकर कर ली है। डर था कि कहीं दूसरी शादी की बात सुनकर माता-पिता रूठ न जाएं। जब बता नहीं सके, तो शादी में आशीष देने कैसे बुलाते।



जीप हो गई खराब तो पदयात्रा करते हुए मिल गई बैलगाड़ी
रामविलास और रीना की शादी को लगभग दो साल बीत चुके थे। रामविलास को बिहार स्थित अपने पैतृक गांव शहरबन्नी जाना था। दरअसल उनके सबसे छोटे भाई रामचंद्र पासवान की शादी थी। रीना भी ससुराल जाने को तैयार हो गईं। उनका उत्साह रामविलास से अधिक था। दोनों पहले खगड़िया पहुंचे। यहां से जीप से अलौली के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में ही उनकी जीप खराब हो गई। अब क्या  करें। बहुत प्रयास के बावजूद जीप बन न सकी। पैदल चलने के अलावा कोई चारा न था। फिर क्या था दोनों गीत-गुनगुनाते पैदल ही चलने लगे। इस बीच उन्हें एक बैलगाड़ी मिल गई। जिसपर सवार होकर रीना इतरह पहली बार ससुराल पहुंची।



शादी के 2 साल के बाद रीना को माना गया बहू 
पुस्तक में रीना पासवान बताती हैं कि जब वो दोनों जब बैलगाड़ी से घर पहुंचे तो रामविलास पासवान के पिता दरवाजे पर ही खड़े थे। रीना को बताया गया था कि बिहार में ससुर के पांव नहीं छूते हैं, लेकिन वो खुद को रोक नहीं सकीं। उन्होंने ससुर का चरण स्पर्श किया। नाम पूछा तो रीना का हौसला बढ़ा। कहती है कि इसके बाद वो उनके पास जाकर बैठने लगीं। धीरे-धीरे बहू-ससुर में बातचीत भी होने लगी। और इस प्रकार उनकी नाराजगी दूर होने लगी। कह सकते है कि रामविलास और रीना की शादी के करीब 2 साल के बाद रामविलास के पिता ने रीना को बहू के तौर पर स्वीकार कर लिया।