द फॉलोअप टीम, दुमका:
दुमका में मालगाड़ी से स्टोन चिप्स भेजने में लाखों के खनन राजस्व की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ है। जानकारी के अनुसार इस वर्ष जुलाई माह में तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार ताती सेवानिवृत्त हो गए थे। जिसके बाद लगभग दो माह सरकार ने किसी को भी डीएमओ का पदभार नहीं दिया। इसके बावजूद जुलाई और अगस्त माह में छह कंपनियों ने पत्थर और पत्थर चिप्स दुमका से बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य जगह भेजा।
जांच शुरू की गई
बताया जा रहा है कि दुमका के हरणसिंघा और पिनरगड़िया स्टेशन से यह यह रैक लोड हुए थे, तो ऐसे में सवाल उठता है कि जब जिला खनन पदाधिकारी दो महीने थे ही नहीं तो पत्थर का चालान कहां से उपलब्ध हुआ। हालांकि इस मामले में उपनिदेशक खान वेंकटेश्वर सिंह और दुमका डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कू ने रेलवे के माल गोदाम अधीक्षक से जानकारी मांगी थी। एक माह तक जब जानकारी नहीं दी गई तो इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
36 लाख की हेराफेरी
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दौरान 36 लाख रुपए के राजस्व की चोरी हुई है। जिसकी जांच चल रही है। पिनरगड़िया और हरणसिंघा रेलवे स्टेशन के आसपास काफी संख्या में पत्थर के अवैध खनन और क्रशर हैं जिसका माल ऐसे रैको में खपाया जाता है। बता दें कि ऐसा ही खनन राजस्व की चोरी का मामला पाकुड़ जिला से भी कुछ समय पहले उजागर हुआ था जिसमें लगभग 8 करोड रुपए की पेनेल्टी पत्थर रैंक कंपनियों को लगाया गया।