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पेयजल संकट से जूझ रहा है सिदपहाड़ी गांव, कई चापाकल खराब और सोलर टंकी भी नहीं

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द फॉलोअप टीम, दुमका: 

दुमका जिला के सदर प्रखंड के मू़ड़भंगा पंचायत के अंतर्गत सिदपहाड़ी गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। झारखंड गठन को 20 साल का वक्त बीत चुका है। बावजूद इसके प्रदेश का एक गांव पेयजल संकट का सामना कर रहा है। सिदपहाड़ी गांव की आबादी 1300 है। गांव में कई टोले हैं। गांव में कुल 14 चापाकल हैं लेकिन इनमें से 8 खराब हैं। इस गांव के किसी भी टोले में एक भी जलमीनार या सोलर टंकी नहीं लगी है। लोगों को कठिनाई होती है। 

सिदपहाड़ी के प्रत्येक मोहल्ले में पेयजल संकट
सिदपहाड़ी के कुम्हार टोला में 400 लोग रहते हैं। टोले में पांच चापाकल हैं जिनमें से 3 खराब है। ग्रामीण पूरन पाल के घर के सामने वाला चापाकल तीन वर्षों से खराब पड़ा है। अर्जुन देय के घर के सामने भी चापाकल है लेकिन बीते 8 महीने से खराब पड़ा है। गोपाल चंद के मकान के सामने वाला चापाकल भी तकरीबन खराब हो चला है। मांझी टोला में 350 की आबादी पर तीन चापाकल हैं। इसमें से 2 चापाकल खराब है। लाल हेंब्रम और बुदिलाल के घर के सामने वाला चापाकल तीन वर्षों से खराब पड़ा है। यहां की पूरी आबादी पेयजल की किल्लत का सामना कर रही है। 

 

खराब पड़े हैं गांव के अधिकांश चापाकल
गांव के मोयरा टोली में तकरीबन 200 की आबादी पर महज 2 चापाकल है और दोनों ही खराब हैं। कालाचंद दे के सामने बना चापाकल बीते 6 महीने से खराब है। काली मंदिर के पास बना चापाकल भी खराब है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनियों से कई बार कहा। कई बार प्रशासन को लिखित आवेदन दिया पर सुनवाई नहीं हुई। लोगों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि उनकी मांग पर ध्यान दिया जाये। 

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की
ग्रामीणों की मांग है कि गांव में तमाम खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत करवाई जाये। जिन इलाकों में ज्यादा जरूरत है वहां नया चापाकल लगवाया जाये। गांव में सोलर टंकी अथवा जलमीनार लगवा दिया जाये। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी समस्या की समाधान जल्दी किया जाये। वे लोग वर्षों से पेयजल की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।