द फॉलोअप टीम, श्रीनगर:
इस मानसून पहाड़ों पर मौत घूम रही है। भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में अब तक दर्जनों जानें जा चुकी हैं। कई गांव तबाह हो गए। हालिया किन्नौर हादसा कौन भूल सकता है जहां चट्टान गिरने की घटना में नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। ताजा मामला जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ स्थित होंजार दचिन और बौजवा का है जहां बादल फटने से भूस्खलन की घटना हुई है। घटना में पूरा गांव तबाह हो गया है। अब तक सात लोगों का शव यहां से बरामद किया गया है।
किश्तवाड़ में बादल फटने से हुआ भूस्खलन
गौरतलब है कि बुधवार देर रात जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के होंजार दचिन और बौजवा इलाके में बादल फटने की घटना हुई। मूसलाधार बारिश की वजह से भूस्खलन हो गया। अब तक सात लोगों का शव बरामद किया गया है। 19 लोग लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। 17 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया है जिनमें से पांच की हालत नाजुक है। घटना के चश्मदीद औऱ स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इलाके में गांव का नामो-निशान तक नहीं बचा।
अब तक किश्तवाड़ में सात लोगों का शव मिला
भारतीय सेना के जवान यहां राहत औऱ बचाव कार्य में लगे हैं। तकरीबन 60 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। भारतीय सेना की ओर से उनके भोजन और पानी का इंतजाम किया गया है। ना केवल किश्तवाड़ बल्कि पवित्र अमरनाथ गुफा, उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा, लद्दाख और कारगिल में भी बादल फटने और भूस्खलन की घटना हुई है। इसकी वजह से कई पुल और लघु पनबिजली परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। डोडा के डीआईजी उदय भास्कर ने बताया कि अब तक सात शव बरामद किए गए हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है।
देश के कई हिस्सों में बारिश औऱ भूस्खलन की घटना
गौरतलब है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं। महाराष्ट्र में भी बाढ़ ने खूब कहर बरपाया है। महाराष्ट्र के अंबिकापुर, सतारा औऱ रायगढ़ जिलों में बाढ़ की वजह से 600 से ज्यादा गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। पहाड़ धंसने औऱ भूस्खलन की घटनाओं में अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालात काफी खराब हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। वायु सेना के जवानों सहित एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। महाराष्ट के सीएम इलाकों का दौरा कर चुके हैं।