द फॉलोअप टीम, रायपुर:
छत्तीसगढ़ में मालिक की हत्या के जुर्म में नौकर को आजावीन कारावास की सजा सुनाई है। मामला परशुराम नगर दादर का है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक नौकर ने मालिक को चाकुओं से तब तक गोदा जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। मामला साल 2019 का ही है। मामले में हत्यारोपी को सजा अब सुनाई गई है। इस केस ने तब ना केवल परशुराम नगर दादर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में सनसनी मचा दी थी। हत्या की वजह भी काफी हैरान करने वाली थी।
24 सितंबर 2019 का है मामला
मामला 24 सितंबर साल 2019 का है। ठेकेदारी का काम करने वाले रामबाबू ने अपने नौकर नारायण यादव को घर बुलाया। महफिल जमी। नौकर और मालिक ने साथ बैठकर जम कर शराब पी। नशे में चूर होने के बाद नौकर नारायण यादव और मालिक रामबाबू अपनी-अपनी प्रेम कहानी सुनाने लगे। इसी बीच नारायण ने रामबाबू को मोबाइल में रखी अपनी गर्लफ्रेंड की तस्वीर दिखाई। नौकर की गर्लफ्रेंड को देखकर मालिक का ईमान खराब हो गया। उसने अजीबो-गरीब मांग रख दी। नारायण से कहा कि वो अपनी गर्लफ्रेंड को एक रात के लिए उसके पास छोड़ दे।
एक रात के लिए मांग ली थी गर्लफ्रेंड
गौरतलब है कि जैसे ही मालिक ने नौकर से कहा कि वो अपनी गर्लफ्रेंड को एक रात के लिए उसके पास छोड़ दे, नारायण का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। गुस्से में उसने मालिक रामबाबू के सिर पर डंडे से जोरदार वार किया औऱ उसके बाद उसे चाकुओं से तब तक गोदता रहा जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। मालिक की हत्या करने के बाद नारायण उसके शव को घसीटते हुए उसके बेडरूम तक ले गया। वहां चादर और कपड़ों में शव को लपेटकर छिपा दिया। आलमारी में रखे सात हजार रुपये निकाले और मृतक का बोलेरो लेकर फरार हो गया। वो काफी तेज भागा।
बोलेरो लेकर भागा हत्यारोपी नारायण
एक तो शराब के नशे में धूत और दूसरा हत्या की वारदात। घबराहट में नारायण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी थी। आखिरकार बिलासपुर जिले में बिल्हा के पास बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त हो गई। घटना की सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम पहुंची। घायल नारायण को अस्पातल में भर्ती करवाया। अस्पताल में जब उसे होश आया तो पुलिस ने पूछताछ की। यहीं पुलिस के सामने नारायण ने पूरे मामले का खुलासा किया। नारायण के खिलाफ मानकपुर चौकी में मामला दर्ज किया गया। उसकी निशानदेही पर रामबाबू का शव बरामद कर लिया गया। नारायण पर हत्या का केस चला।
जिला अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा
मिली जानकारी के मुताबिक नारायण यादव मूलरूप से भाटपारा का मूल निवासी है। वो कोरबा पंप हाउस इलाके में अपनी मौसी और मौसा के साथ रहता था। यहीं वो रामबाबू के सहायक के रूप में काम किया करता था। मामले में 2 साल तक चले केस के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने हत्यारोपी नारायण यादव को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास सजा सुनाई।