द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
बीते कई महीने से सड़क से लेकर संसद तक कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। इस सिलसिले में सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर अलग नजारा दिखा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी खुद ट्रैक्टर चलाकर संसद के लिए रवाना हुए। इस दरम्यान ट्रैक्टर पर कृषि कानून के विरोध में पोस्टर भी चिपका हुआ था। राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर में रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं सहित कई अन्य लोग भी दिखे।
राहुल गांधी ने केंद्र पर लगाया ये आरोप
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ये किसानों की आवाज है। केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। सरकार को तीनों विवादित कृषि कानून को वापस लेना ही होगा। राहुल गांधी ने कहा कि किसानों पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। किसानों के बारे में केंद्रीय मंत्री अनर्गल बयान देती हैं। उनको मवाली और आतंकवादी कहा जा रहा है। ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की बात सुनी जानी चाहिए, यही लोकतंत्र का तकाजा है। राहुल गांधी जिस ट्रैक्टर को चलाकर संसद पहुंचे उसमें कई पोस्टर भी लगे थे।
मानसून सत्र में कृषि बिल को लेकर हंगामा
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र चल रहा है। सरकार इसमें कुल 23 बिल लाने वाली है। इसमें विवादित रक्षा आधारित बिल भी है जिसके पास होने से रक्षा उत्पादन से जुड़े उद्योगों में कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना आसान नहीं रह जाएगा। बता दें कि संसद सत्र के शुरुआती दिन से ही कांग्रेस सहित तमात विपक्षी पार्टियां कृषि बिल के खिलाफ हंगामा कर रही है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में नहीं है और सरकार को इसे वापस लेना ही होगा। उधर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत के नेतृत्व में तकरीबन 200 किसानों का दल दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
बीते कई माह से आंदोलन कर रहे किसान
किसान बीते कई माह से संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि कृषि बिल से उनकी जमीन और उत्पादन का हक कॉर्पोरेट के हाथों में चला जाएगा। उन्हें उनकी उपज की सही कीमत भी नहीं मिल पाएगी। किसान बीते साल नवंबर माह से ही दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में विवादित तरीके से दाखिल होने का मामला भी शामिल है। दूसरी ओऱ सरकार का कहना है कि कृषि कानून किसानों के हित में है। किसानों को ये समझना होगा।