द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कृषि बिल वापस लिया जा चुका है। कृषि मंत्री कह चुके हैं कि किसानों की मांग मान ली गई है। अब उनको घर वापस लौट जाना चाहिए। हालांकि, शीतकालीन सत्र में किसान आंदोलन का मामला थमता नहीं दिख रहा है। मंगलवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि किसानों को उनका हक दिया जाये। आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को मुआवजा दिया जाये। राहुल गांधी ने आश्रितों के लिए नौकरी की भी मांग की। कृषि बिल को लेकर सरकार पर निशाना भी साधा
आंदोलन में 700 किसानों की जान गई!
राहुल गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन में तकरीबन 700 किसान मारे गये। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश और देश के किसानों से माफी मांगी। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने गलती की है। 30वें मिनट में कृषि मंत्री से एक प्रश्न पूछा गया कि आंदोलन में कितने किसानों की मौत हुई। कहा कि हमारे पास कोई डाटा नहीं है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है।
पंजाब सरकार ने किसानों को दिया मुआवजा!
वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब सरकार ने तकरीबन 400 किसानों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया। 152 किसानों को रोजगार भी प्रदान किया। मेरे पास इनकी सूची है। हमने हरियाणा के 70 किसानों की एक और सूची बनाई गई है। केंद्र पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आपकी सरकार कहती है कि आपके पास उनके नाम नहीं हैं।
कृषि बिल को लेकर फंसा शीतकालीन सत्र
गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र से पहले गुरु परब के मौके पर प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि बिल को वापस लेने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसानों को कृषि बिल का फायदा नहीं बता पाये। हमारा उद्देश्य पवित्र था। प्रधानमंत्री ने कहा था शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही द फार्म लॉ रिपिल बिल लाया जायेगा। ऐसा किया भी गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बिल पेश किया। उसी दिन दोनों सदनों से पारित भी करा लिया।