द फ़ॉलोअप टीम, पलामू:
कहा जाता है कि जिसमें पढ़ने का जुनून हो और उसे पढ़ाने के लिए सही शिक्षक मिल जाए तो वह जरूर सफल होता है। ये जूनून और ऐसे शिक्षक आज की दुनिया में भी मौजूद हैं। बात हो रही है रहमानिया उच्च विद्यालय हुसैनाबाद अनुमंडल के मोहम्मदगंज प्रखंड का इकलौते उच्च विद्यालय की। यहां 1500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। जिनके पढ़ने के लिए मात्र 5 कमरे हैं।
पांच कमरों में इतने विद्यार्थियों को नहीं बिठाया जा सकता, इसलिए विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में तीन-तीन दिन का शिफ्ट तय किया गया है। क्लास रूम में एक बेंच पर छह-छह बच्चों को बैठाया जाता है। उसमें भी कुछ बच्चों को कमरे से बाहर ही रहना पड़ता है।
जर्जर है सभी कमरे
विद्यालय का पुराना भवन धराशायी हो चुका है। नया भवन 2016 में बना था, जो पांच वर्षों में ही जर्जर गया। इसी जर्जर भवन के पांच कमरों में बच्चे पढ़ते हैं। वर्ष 2018 में प्लस टू का दर्जा मिला, लेकिन सुविधाएं नहीं। स्कूल में कुल 14 शिक्षक हैं। क्लास 9वीं और 10वीं के लिए छह और इंटर के तीनों सब्जेक्ट के लिए 8 शिक्षक मौजूद हैं। 1500 विद्यार्थियों में 60 फीसदी छात्रा व 40 फीसदी छात्र हैं। चहारदीवारी नहीं होने के कारण स्कूल शाम को जुआरियों का अड्डा बन जाता है।
कोई सुविधा नहीं, लेकिन परिणाम बेहतर
कमियों के बावजूद स्कूल का रिजल्ट बेहतर रहा है। मैट्रिक में वर्ष 2018 में 88 फीसदी 2019 में 80 फीसदी व 2020 में 89 फीसदी रिजल्ट हुआ है। वहीं 2019 में इंटर विज्ञान में 93 फीसद, कला में 67 फीसदी और वाणिज्य में 35 फीसदी जबकि 2020 में विज्ञान में 88 फीसदी , कला में 84 फीसदी और वाणिज्य में 80 फीसदी रिजल्ट हुआ है।
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