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शर्मनाक: प्रसव पीड़ा से तिलमिलाती महिला को गोद में उठाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया 

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द फॉलोअप टीम, चाईबासा: 

ग्रामीण क्षेत्रों से कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आती है, जो वाकई सिस्टम को ठेंगा दिखा जाती है। आपके लिए यह सोचना शायद मुश्किल हो कि आजादी के 74 साल बाद भी आज सड़क के अभाव में कभी किसी गर्भवती की मौत हो जाती है तो कभी किसी को खटिया में टांग कर अस्पताल ले जाया जाता है। ताजा मामला चाईबासा के मंझारी प्रखंड के जोजोबेड़ा गांव का है। यहां शनिवार को एक गर्भवती महिला को गांव की महिलाओं ने गोद में उठाकर उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया। क्योंकि सड़क की स्थिति इतनी बुरी है कि महिला के घर तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी। मजबूरन स्थानीय महिलाओं मे प्रसव पीड़ा के दौरान ही उस महिला को 1 किलोमीटर तक गोद मे उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। 

कीचड़ में फंस गयी एंबुलेंस 

यह इलाका मंझगांव विधानसभा में आता है। शनिवार को मालती तामसोय नामक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। ग्रामीणों ने कई बार सरकारी एम्बुलेंस 108 पर कॉल किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद प्राइवेट गाड़ी मंगवाई गई, लेकिन वह किचड़ में फंस गई। इसके बाद मालती को गोद में उठा कर वाहन तक ले जाय गया। अच्छी बात यह रही कि मालती ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया और खुद भी सुरक्षित है। जर्जर सड़क की शिकायत ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय विधायक से की है मगर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। 

जर्जर सड़क के कारण हो चुकी है बच्चे की मौत 

इसी इसी साल 25 फरवरी को एक महिला को खाट पर टांग कर अस्पताल ले जाया जा रहा था। जिसके बाद महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिय था। यह घटना तिसरी के लक्ष्मी बथान गांव की थी। गभर्वती सुरजी मरांडी के परिजनों को डिलीवरी कराने के लिए कोई सुविधा नहीं मिली थी, तो परिजन उसे खाट पर सुलाकर दूसरे प्रखंड गांवा के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र ले जाने लगे। करीब 25 किमी दूर खाट पर ले जाने के दौरान वे जब तारा ढाबा के समीप पहुंचे तो ढाबा के समीप ही सुरजी मंराडी ने बच्चे को जन्म दिया। लेकिन बच्चे की मौत हो गयी थी।