प्रीतम कुमार, लोहरदगा:
झारखंड के लोहरदगा में जन वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं को मिलावटी चावल मिला है। 10 किलो चावल में तकरीबन 1 किलोग्राम चावल जैसी दिखने वाली चीज मिली हुई है। स्थानीय लोगों का दावा है कि ये प्लास्टिक है। ये मिलावटी चावल दुर्गंध देता है और चिपकता है। कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त सरकारी अनाज देने की योजना में यह बड़ा गड़बड़ झाला सामने आया है। राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है।
लाभुकों ने प्लास्टिक का चावल होने की आशंका जताई
लोहरदगा कुडू के बड़कीचांपी पंचायत में संचालित सरकारी राशन दुकान से लाभुकों ने चावल में प्लास्टिक मिले होने की आशंका जताई है। चावल का उठाव करने वाले कई कार्डधारियों ने डीलर धर्मदेव भगत से शिकायत की है कि उन्हें जो चावल मिला है, उसमें प्लास्टिक का चावल भी मिला हुआ है।
मिलावटी प्लास्टिक वाली चावल में होती है चिपचिपाहट
बड़कीचांपी निवासी सुमरीत देवी, भुखली देवी, सुनीता देवी, प्रदीप तिवारी, गीता देवी, मकसूद मियां, मीणा देवी, बेबी देवी, आशा देवी, सिमल देवी, मितला देवी आदि लाभुकों का कहना है कि उन्हें जो चावल दिया गया है, उसमें प्लास्टिक मिला हुआ है। उन्होंने चावल घंटों पानी में डुबाकर परीक्षण किया। मिलावटी चावल में चिपचिपाहट हो रही है। अलग तरह की बदबू आ रही है। उन लोगों ने चावल में से निकले प्लास्टिक के चावल की तस्वीर भी डीलर को भेजी है। डीलर के यहां जो चावल का वितरण हुआ है उसके पैकेट पर सचदेव फ़ूड प्रोडक्ट और रावाभाटा छत्तीसगढ़ का पता लिखा हुआ है।
लाभुकों ने डीलर को भी भेजी मिलावटी चावल की तस्वीर
डीलर धर्मदेव भगत ने बताया कि लाभुकों ने उठाव किए गए चावल की फोटो उन्हें भेज प्लास्टिक का चावल मिक्स होने की शंका जताई है। उन्होंने मामले की जानकारी कुडू बीडीओ और गोदाम मैनेजर को दी है। अधिकारियों के कहने पर बाकी चावल का वितरण रोक दिया है।
बीडीओ मनोरंजन कुमार ने मामले में जांच का भरोसा दिया
कुडू बीडीओ मनोरंजन कुमार ने कहा कि चावल में मिली हुई चीज चावल है या कुछ और यह जांच का विषय है। शिकायत के आधार पर चावल का सैंपल लिया जायेगा। ज़रूरत पड़ने पर जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। जांच के बाद ही सच्चाई का पता चल पायेगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। चावल प्लास्टिक का है या नहीं, और यदि इसमें प्लास्टिक के चावल मिले हैं, तो इसमें चावल बेचने वाले संस्थान, एफसीआई गोदाम या डीलर की भूमिका है यह तो जांच का विषय है। सरकारी राशन दुकान में प्लास्टिक चावल मिलने की खबर से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है। उठाव करने वाले लाभुक इस चावल को खाने से इनकार कर रहे हैं। लोगों के मन में शंका है।
खाद्य और उपभोक्ता मंत्री रामेश्वर उरांव ने दिया जांच का भरोसा
लोहरदगा के कुडू प्रखंड में जन वितरण प्रणाली की दुकान से प्लास्टिक मिश्रित चावल लोगों को दिए जाने के मामले की जांच कराने की बात मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कही। डॉ उरांव ने कहा कि जन वितरण का चावल एफसीआई से एस एफ सी में आता है। उसी बंद बोरे को हम यहां भेजते हैं। अब यह बात संज्ञान में आ रही है कि प्लास्टिक का चावल उसमें मिला हुआ है तो इसकी जांच कराएंगे। आखिर कैसे इस तरह की बात हो रही है। हम लोग तो बाहर से बाजार से चावल खरीदते नहीं हैं। एफसीआई से चावल मंगाते हैं, इसकी जांच होगी।