द फॉलोअप टीम, गिरिडीह:
राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन में छूट दी है। बाहर निकलने वाले लोगों को लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने को कहा गया है। सरकार के आदेश का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन ने प्रचार प्रसार भी किया। सरकार व जिला प्रशासन के आदेश को धत्ता बताते हुए लोग ना ही मास्क लगा रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं।
मास्क नहीं लगाने पर लोगों का अजीब बहाना
बगैर मास्क लगाए लोग दुकानों, मॉल व सड़क पर बड़े ही आराम से घूमते नजर आ रहे हैं। इस बाबत बगैर मास्क लगाए घूमने वाले लोगों से पूछा गया तो वे लोग अलग-अलग बहाना बनाते दिखे। जहां एक और कुछ लोग मास्क कहीं गिर जाने की बात कही तो दूसरी ओर कुछ लोग सांस लेने में तकलीफ होने का हवाला दिया। आश्चर्य की बात तो यह है कि विभिन्न चौक चौराहों पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। इसके बावजूद ऐसे लोगों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बहरहाल अगर इसी तरह लोग बगैर मास्क लगाए घूमते रहे तो कोरोना को रोक पाने में कितनी सफलता मिलेगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
गिरिडीह के विभिन्न बाजारों में लगती है भीड़
गिरिडीह में लोग दुकानों में भीड़ लगाने लगे हैं। भीड़ की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। सड़क पर यदा-कदा ट्रैफिक जाम की समस्या भी होती है। हालात यहां तक बिगड़ जाते हैं कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिसकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। भीड़ ही केवल समस्या नहीं है बल्कि लोग बिना मास्क लगाए ही बाजारों में घूमते नजर आ रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने कोरोना के मामलों में कमी आते देख लॉकडाउन में कुछ छूट दी थी लेकिन लोग उसका गलत फायदा उठाते दिख रहे हैं। ये कोरोना रोकथाम की दशा में बाधक बनेगा।
झारखंड में पहली बार 22 अप्रैल को लगा लॉकडाउन
गौरतलब है कि झारखंड में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत पहली बार 22 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद इसे आगे बढ़ाया जाता रहा। अभी शॉपिंग मॉल्स को खोलने की इजाजत दी गई है। हालांकि विवाह कार्यकर्मों सहित तमाम धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक जारी रहेगी। बस परिचालन को भी बंद रखा गया है। इस बीच राज्य में पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस की समस्या को महामारी घोषित किया गया है।