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पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन ने नीतीश कुमार को 'बीच चौराहे' खड़ा करने की चेतावनी दी

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द फॉलोअप टीम, पटना: 
जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव को पटना की बुद्धा कॉलोनी पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में लिया। हिरासत में लेने के बाद मंगलवार की शाम को पप्पू यादव को मधेपुरा और फिर वीरपुर भेज दिया गया। इस मामले में अब पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन ने मोर्चा खोल दिया है। रंजीत रंजन ने सोशल मीडिया में लगातार सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए कई सवाल उठाये हैं। 

रंजीत रंजन की सीएम नीतीश को चुनौती
रंजीत रंजन ने अपने ट्विटर पर लिखा कि "नीतीश जी! कल पूरे दिन-रात जो आपके प्रशासन ने पटना से मधेपुरा फिर वहां से वीरपुर तक पप्पू यादव जी के साथ जो ड्रामा किया है वो देख रहे हैं। उन्हें मेडिकल फैसिलिटी अभी तक नहीं मिली"। आगे रंजीत रंजन ने लिखा "नीतीश जी पप्पू जी कोरोना निगेटिव हैं। अगर वे पॉजिटिव हुए तो आपको, इस साजिश में शामिल चार लोगों एंव एंबुलेंस चोरों को सीएम आवास से निकाल बीच चौराहे खड़ा नहीं किया तो मेरा नाम रंजीत रंजन नहीं"। 

रंजीत रंजन ने पूछा पप्पू यादव का दोष क्या
इससे पहले पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन ने एक औऱ ट्वीट किया। इसमें लिखा था कि "शायद आप लोग सो गए होंगे, पर पप्पू यादव जी को प्रशासन सुबह 9 बजे से अभी करीब 1 बजे रात तक बैठाकर रखी हुई है। वो शुगर के मरीज हैं। 1 महीना पहले उनके गॉल ब्लैडर की सर्जरी हुई है। डॉक्टर ने तीन महीने तक उन्हें पूरा आराम करने को कहा था। उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ क्यों। उनका दोष क्या है"। 

पप्पू यादव को वीरपुर ले जाया गया था
एक अन्य ट्वीट में रंजीत रंजन ने लिखा कि "पप्पू यादव जी को मधेपुरा से वीरपुर ले जाया गया। गुलाम प्रशासन अपने आका के इशारे पर उन्हें मानसिक टॉर्चर करने का पूरा इंतजाम कर लिया है। जब वो कोरोना निगेटिव हैं तो क्वारंटीन सेंटर क्यों भेजा गया। मजिस्ट्रेट ने उन्हें मेडिकल सपोर्ट देने का पर क्या हो रहा है। सरकार की मंशा समझें। मजिस्ट्रेट ने पप्पू यादव जी को मेडिकल सुविधा देने को कहा तो उनको वीरपुर जेल भेज दिया गया। इसका भवन इतना जर्जर है कि कभी भी गिर सकता है"। 

पप्पू यादव की इन मामलों में हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि पप्पू यादव को उनके पटना स्थित आवास से मंगलवार की सुबह बुद्धा कॉलोनी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बुद्धा कॉलोनी पुलिस ने बाद में उन्हें पीरबहोर पुलिस को सौंप दिया। बाद में उनको गांधी मैदान पुलिस स्टेशन ले जाया गया। शाम को उन्हें मधेपुरा ले जाया गया। पप्पू यादव पर कोरोना लॉकडाउन का उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है। यही नहीं, पप्पू यादव के खिलाफ 1989 के एक मामले में भी केस दर्ज किया गया है।