द फॉलोअप टीम, लोहरदगा:
मानसून की पहली बारिश में ही लोहरदगा बिजली विभाग जलमग्न हो गया है। जर्जर छत जहां-तहां से टपक रही है। कागजात उपकरण पानी में भीग कर बर्बाद हो रहे हैं। इमरजेंसी सेवा वाले इस विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए दफ्तर में बैठकर काम करना मुश्किल हो गया है। तेज बरसात के दौरान कार्यपालक अभियंता जेम्स कुजूर और सहायक अभियंता संतोष कुमार कर्मचारियों के पास बैठे मिले। कार्यपालक अभियंता का कार्यालय भी पानी टपकने से जलमग्न हो गया था। यहां रखे बिजली के उपकरण पानी में भीग रहे थे।
बारिश में सामान को सुरक्षित रखना चुनौती
दरअसल इतनी जगह पर पानी टपक रहा है कि सामान हटाना और उन्हें सुरक्षित रखना भी मुश्किल हो गया है। कार्यालय के एक हिस्से में पेड़ की डाल गिर जाने से एस्बेस्टस की पुरानी छत क्षतिग्रस्त हो गई है और वहां से पानी की मोटी धार अंदर रखे कागजात और उपकरणों पर गिर रही है। विभाग के प्रधान सहायक वहीं पर बैठकर खुद को पानी से बचाते हुए किसी तरह काम कर रहे थे। प्लास्टिक से पानी का फैलाव रोकने की नाकाम कोशिश की जा रही थी।
नहीं बना लोहरदगा बिजली विभाग का दफ्तर
बिजली विभाग के लिए यह बरसात बड़ी मुश्किलें लेकर आई है। दरअसल साल 1988 में सब डिवीजन से लोहरदगा बिजली विभाग डिवीजन बना। मगर इसका दफ्तर आज तक नहीं बना है। सहायक अभियंता के स्टोर रूम को ही विभाग के मुख्य कार्यालय और उसका एक कमरा कार्यपालक अभियंता के दफ्तर के रूप में उपयोग में लाया जाता है। लोहरदगा बिजली विभाग मुख्यालय में पांच अधिकारी और 35 कर्मचारी हैं। जिन्हें बारिश के दौरान दफ्तर में सिर छुपाना मुश्किल हो जाता है।
कार्यपालक अभियंता का आवास भी नहीं बना
यहां कार्यपालक अभियंता का आवास भी नहीं है। सहायक अभियंता का क्वार्टर जर्जर हालत में है। उन्हें किराए के मकान में रहना पड़ता है। कुड़ू सब डिवीजन का भी अपना भवन नहीं वहां भी किराए के भवन में विभाग का कामकाज चलता है।
पुराने भवन का जीर्णोद्धार होना बाकी है
कार्यपालक अभियंता जेम्स कुजूर ने कहा कि पुराने भवन में जगह-जगह पानी टपकने से बहुत परेशानी हो रही है। कागजात और उपकरणों पर पानी गिर रहा है। सब डिवीजन कार्यालय भवन बनकर तैयार है। इसके पुराने भवन का जीर्णोद्धार होना है। इसके बाद डिवीजन कार्यालय वहीं शिफ्ट होगा। नया डिवीजन कार्यालय बनाने का प्रस्ताव भी सरकार को गया हुआ है।