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आप पेट्रोल-डीजल में उलझे रहे उधर माचिस का भाव भी बढ़ गया, 4 लाख लोगों की नौकरी पर खतरा

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

खाना बनाने के लिए गैस तो महंगी हुई ही थी अब माचिस भी महंगी होने जा रही है। मात्र 1 रूपए में गरीब की कुटिया में पचासों बार उजाला करने वाला माचिस की डिबिया अब 1 रुपया में नहीं आएगी। भारत के वर्तमान सरकार के इस दौर में न जाने किन कारणों से पर चीजें महंगी जरूर हुई है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों 14 बाद माचिस की कीमत में इजाफा किया जा रहा है। 

महंगाई ने आम आदमी पर कर लिया है कब्जा
महंगाई ने प्रत्येक आम आदमी के घर पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया है। खाने-पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल-डीज़ल, रसोई गैस तक के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं माचिस अकेली चीज है जिसने आपकी जेब हल्की नहीं की थी। अब यह भी आपकी जेब पर असर करेगी। चर्चा है कि अब हर घर की रसोई में मौजूद मामूली सी दिखने वाली माचिस की डिबिया भी महंगी होने जा रही है। आपको बताते चलें कि पिछले 14 साल से माचिस की डिब्बी की कीमत को एक बार भी नहीं बढ़ाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक अगले ही महीने से 1 रूपए में मिलने वाली माचिश की डिब्बी अब 2 रूपए में मिलेगी। आपको ज्ञात हो कि पिछली बार साल 2007 में माचिस के दाम में संशोधन किया गया था, उस वक्त इसकी कीमत 50 पैसे से बढ़ाकर 1 रुपये कर दी गई थी। 

तमिलनाडु के शिवकाशी में होता है माचिस उत्पादन
देश में सबसे अधिक माचिस निर्माण तमिलनाडु के शिवकाशी में होता है और शिवकाशी में ही आयोजित ऑल इंडिया चैंबर ऑफ मैचेस में 5 मुख्य माचिस निर्माता कंपनियों की बैठक ने इस बात पर फैसला किया है। निर्माताओं का कहना है कि माचिस बनाने के लिए 14 तरह के कच्चे माल की जरूरत होती है। देश में कच्चे माल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। कयों की कीमत तो दुगुनी से भी अधिक हो गई है। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हम सबने यह फैसला लिया है कि 1 दिसम्बर से माचिस की MRP 1 रुपए से बढ़ाकर 2 रुपए कर दी जाएगी। पहले जहां 600 माचिस का एक बंडल 270 रुपये से 300 रुपये में बेचा जा रहा था, 1 दिसम्बर के बाद से 60 प्रतिशत विर्धि साथ वही 430 रूपए से 480 रूपए में बेचा जायेगा। 

माचिस बनाने में ये सामान होता है इस्तेमाल
माचिस निर्माण में लगने वाली मेटेरियल की बात करें तो माचिस बनने में सबसे ज्यादा यूज़ में लाया जाने वाला रेड फास्पोरस का रेट 425 रुपये से बढ़कर 810 रुपये हो गया है। वैक्स यानी मोम की कीमत 58 रुपये से बढ़कर 80 रुपए हो गई है। आउटर बॉक्स बोर्ड की कीमत 36 रुपये से बढ़कर 55 रुपये हो गई है। इनर बॉक्स बोर्ड की कीमत 32 रुपये से बढ़कर 58 रुपये हो गई है। इसके अलावा पेपर, पोटाशियम क्लोरेट, सल्फर जैसे पदार्थों की कीमत भी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से बढ़ी है। इन तमाम कारणों से रेट में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। 

माचिस उद्योग में 4 लाख लोगों की नौकरी पर खतरा
माचिस उद्योग में अधिकांश महिलायें काम करती हैं। गौरतलब है कि पूरे तमिलनाडु में इस उद्योग में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से लगभग 4 लाख लोग कार्यरत हैं और कर्मचारियों में 90 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं।  वो बात अलग है कि कई सारी कंपनियां सारा काम मशीनों के माध्यम से करने लगी है।