द फॉलोअप टीम, देवघरः
26 अक्टूबर को देवघर डीसी व निर्वाचन अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री ने गोड्डा सांसद पर एक, दो या तीन नही बल्कि 5 एफआईआर दर्ज करवा दिया था। जिसके बाद से देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री सवालों के घेरे में हैं। डीसी मंजूनाथ को चुनाव आयोग से माफी मांगनी पड़ी है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड भाजपा और निशिकांत दुबे ने भजंत्री पर राजनीतिक हमला बोला था। डीसी पर आरोप लगाया गया था कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता की तरह कार्य कर रहे है। भजंत्री ने चुनाव आयोग से माफी मांगी है, उस माफीनामा को गोड्डा सांसद ने सोशल मीडिया फेसबुक पर शेयर किया है। इसे पढ़कर लोग कुछ प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
क्या है मामला
दरअसल, मधुपुर विधानसभा उप-चुनाव के दौरान सांसद ने DC की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई पोस्ट किए थे। उन्हीं को आधार बनाते हुए नगर थाना, देवीपुर थाना, बुढैई थाना, मधुपुर थाना और चितरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है। झारखंड के मुख्य निवार्ची पदाधिकारी को इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने DC से 7 दिन के भीतर जवाब पूछने को कहा था। 10 दिन के भीतर राज्य के मुख्य निवाची पदाधिकारी को भी यह जवाब सब्मिट करने के लिए कहा है। चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद ने उपायुक्त से दस दिन के अंदर अपना जवाब देने को कहा था। मामला काफी गंभीर होता जा रहा था, इसलिए 11 नवंबर को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने आयोग को पत्र भेजकर बिना शर्त माफी मांगी। सांसद ने इस माफीनामा को अपने फेसबुक पर साझा किया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र में कहा गया था कि छह माह बाद क्यों मामला दर्ज किया गया।
इनके बयान के आधार पर प्राथमिकी
गौरतलब है कि सभी प्राथमिकी अलग-अलग अधिकारियों के बयानों के आधार पर दर्ज करवाई गई है। मधुपुर उपचुनाव के दौरान सांसद निशिकांत दूबे ने उपायुक्त की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कई ट्वीट किये थे। सिटी थाना में डीपीआरओ रवि कुमार के बयान पर, देवीपुर में देवीपुर बीडीओ अभय कुमार के बयान पर 2 प्राथमिकी दर्ज की गई है। मधुपुर थाना में बीडीओ राजीव कुमार सिंह के बयान पर वो चितरा थाना में सारठ बीडीओ पल्लवी सिन्हा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।