द फॉलोअप टीम, गुमला :
सरकारी अस्पताल की लापरवाही फिर सामने आई है। मामला नक्सल प्रभावित गुमला जिले के चैनपुर का है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक नवजात की मौत हो गयी, आरोप अस्पतालकर्मियों पर लगा है। प्रसूता के परिजनों का कहना है कि चिकित्साकर्मियों की लापरवाही के कारण नवजात की मौत हो गई।
न मिली दवा, न इलाज
जानकारी के मुताबिक चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कुलाही हरिजन बस्ती गांव निवासी मुन्नी देवी प्रसवपीड़ा बढ़ने के बाद उसके परिजनों ने 108 नंबर पर कॉल कर ममता वाहन को बुलाया। जिसके बाद उसे चैनपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने के पीड़िता का इलाज नहीं किया गया जिससे पडिता के नवजात बच्चे की मौत हो गयी। जिसके बाद पति बहुर तुर्री ने चैनपुर अस्पताल के चिकित्साकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सही समय पर चिकित्सा सुविधा मिलने से मेरे बच्चे की मौत नहीं होती और वह बच जाता। उन्होंने बताया कि घर से आने के बाद कोई भी डॉक्टर या नर्स हमारे पास इलाज के लिए नहीं पहुंचा और न ही किसी भी तरीके की दवा दी गई।