द फॉलोअप टीम, धनबाद:
झारखंड और बंगाल की सीमा को जोड़ने वाली चिरकुंडा चेकपोस्ट पर लापरवाही की बात सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक चिरकुंडा चेकपोस्ट पर जिला प्रशासन द्वारा जांच की व्यवस्था नहीं की गई है। वहां से गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति या वाहन की जांच नहीं की जा रही है। पश्चिम बंगाल से बेरोक-टोक लोगों का आवागमन जारी है। यहां राज्य सरकार और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। उपायुक्त के निर्देशों की अवहेलना हो रही है।
चेकपोस्ट पर मौजूद नहीं था कोई दंडाधिकारी
स्थानीय संवाददाता ने अपनी पड़तातल में पाया कि चिरकुंडा चेकपोस्ट में कोई दंडाधिकारी मौजूद नहीं था। पश्चिम बंगाल से आने वाले लोग बिना किसी जांच या बाधा के आराम से झारखंड में प्रवेश कर रहे थे। इस बीच वहां कुछ पुलिसकर्मी दिखे लेकिन वे लोगों की जांच नहीं कर रहे थे। कहा जा रहा है कि वहां जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। पुलिसकर्मियों ने मास्क भी नहीं लगा रखा था। पश्चिम बंगाल से आने वाला पैदल यात्री हो अथवा वाहन, सभी आराम से झारखंड में प्रवेश कर रहे थे। कोरोना रोकथाम के लक्ष्यों में ये बाधा पहुंचायेगी।
मालवाहन वाहनों से की जाती है जबरन वसूली
मालवाहक वाहन के चालकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि चेकपोस्ट में पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन वसूली की जाती है। पैसा देने पर बिना किसी जांच के सीमा पार जाने दिया जाता है। यहां मालवाहन वाहनों को अवैध तरीके से सीमा पार पहुंचाने में मदद करने को लेकर स्थानीय नेता का नाम बी सामने आ रहा है। पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा जारी है।
उपायुक्त के निर्देशों की हो रही है अवहेलना
गौरतलब है कि कोरोना चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को लेकर धनबाद के उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने आदेश जारी किया था। उन्होंने निर्देश दिया था कि पश्चिम बंगाल से झारखंड में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों और वाहनों की जांच की जाये। उन्होंने ये भी निर्देश दिया था कि बिना ई-पास के किसी को भी झारखंड में प्रवेश की मंजूरी ना दी जाये। उपायुक्त के निर्देश के बावजूद चेकपोस्ट पर घोर लापरवाही बरती जा रही है।