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हेहल बाल आश्रय में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने बच्चों से सुनी आपबीती

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द फॉलोअप टीम, रांची:

रांची के बाल आश्रय में 11 साल के बच्चे के साथ हुए यौन उत्पीड़न की जांच करने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम रांची पहुंची। टीम ने बच्चों से मिलकर उनकी आपबीती सुनी। टीम की अगुवाई आयोग की सदस्य रॉजी तांबा कर रही थीं। बच्चों से उनकी आपबीती सुनने पहुंची राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने हेहल के बाल आश्रय से निवारणपुर स्थित निराश्रित बाल गृह लाये गए बच्चों से करीब एक घंटे तक बातचीत की। इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सीडब्ल्यूसी सदस्य भी मौजूद रहे।


बड़े बच्चे और छोटे बच्चों को अलग-अलग रखने का निर्देश
बातचीत के दौरान बच्चों ने आपबीती बताई और समस्या से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को अवगत कराया। इस दौरान आयोग के द्वारा बच्चों की काउंसिलिंग कराने के निर्देश दिये गये, साथ ही बड़े बच्चे और छोटे बच्चों को अलग-अलग रखने को कहा। 

 

राज्य में स्पेशल केयर शेल्टर नहीं
वर्तमान में निवारणपुर स्थित निराश्रित बाल गृह में 27 बच्चे हैं, जिसमें से 23 बच्चे हेहल के बाल आश्रय से लाये गए हैं। मगर दुखद पहलू यह है कि झारखंड में स्पेशल नीड का कोई सेल्टर होम नहीं है। ऐसे में इन बच्चों को अलग रुम में रखा जायेगा। रॉजी तांबा ने कहा कि कोरोना के कारण अपने परिजन को खोने वाले ऐसे निसहाय बच्चों की सूची देशभर में तैयार की जा रही है जिसके लिए एक ऐप भी है। जहां हर राज्य का डेटा रहेगा। आयोग जल्द ही डेटा सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपेगा।


यौन शोषण की शिकायत पर बाल आश्रय को किया गया था सील
रांची के आईटीआई स्थित बाला आश्रय को मंगलवार को रांची डीसी के आदेश के बाद सील कर दिया गया था। यहां रह रहे सभी बच्चों को सुरक्षित आदिम जाति सेवा मंडल, निवारणपुर पहुंचाया गया। यहां पिछले एक महीने से 11 साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न किया जा रहा था। बताते चलें की यहां कार्यरत सुरक्षा प्रहरी शंभू प्रसाद लोहरा 11 साल के एक बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार कर रहा था।