मोहित कुमार, दुमका:
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है, इसकी बानगी देखनी हो तो कभी दुमका जिला आइये। दुमका जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत मलुटि गांव का स्वास्थ्य उपकेंद्र खुद बीमार है। बिल्डिंग की स्थिति इतनी खराब है कि आप सोचेंगे यहां इलाज कैसे होगा। करोड़ों रुपया खर्च कर बिल्डिंग तो बना दी गई लेकिन सुविधा के नाम पर ढेला नहीं दिया।
मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है!
मलुटि गांव में बने स्वास्थ्य उपकेंद्र में ना तो बिजली की सुविधा है और ना ही अन्य आधारभूत संरचना की। स्वास्थ्य उपकेंद्र के आसपास झाड़ियां उग आई हैं। मुख्य मार्ग से स्वास्थ्य केंद्र तक जाने का रास्ता नहीं है। बारिश होती है तो पूरा रास्ता कीचड़ से भर जाता है। ऐसी परिस्थिति में आपात स्थिति में किसी को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। कई बार खटिया के सहारे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने की नौबत आती है।
बारिश में कीचड़युक्त हो जाता है रास्ता
मलुटि गांव के ग्रामीण ने बताया कि बारिश के समय आवागमन में खासी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। हमें काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। पूरा रास्ता कीचड़ से भर जाता है। एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुंच पाता। आपात स्थिति में किसी को तत्काल चिकित्सीय सुविधा की जरूरत हो तो काफी मशक्कत करनी पड़ती है। हमारी यही मांग है कि स्वास्थ्य केंद्र तक पक्की सड़क बनवा दी जाये ताकि हमें राहत मिले।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र तक मांगी सड़क
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र तक आने वाला पूरा रास्ता जंगल और झाड़ियों से घिरा है। स्वास्थ्य केंद्र के इर्द-गिर्द भी झाड़ियां उग आई हैं। हमें यहां तक आने में थोड़ा डर लगता है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए ये असुविधाजनक है। बारिश होती है तो पूरा रास्ता कीचड़ से भर जाता है। एंबुलेंस वाले आने से मना करते हैं। हमारी मांग है कि झाड़ियों को साफ करवाकर पक्का रास्ता बनवाया जाये। स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। यही नहीं, स्वास्थ्य केंद्र में गार्ड का होना भी जरूरी है ताकि कोई नुकसान ना पहुंचे।