द फॉलोअप टीम, रांची:
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सह बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड सरकार की कार्यसंस्कृति की आलोचना करते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान पर जबरदस्त पलटवार किया है। जिसमें उन्होंने राज्य के वित्तीय घाटे का दोष केंद्र सरकार और पिछली सरकार पर लगाया है। सीएम के बयान पर हमलावर होते हुए भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि अब यह प्रचलन बेहद आम हो चली है कि झारखंड सरकार अपनी हर विफलता और अकर्मण्यताओं का दोष केंद्र सरकार के मत्थे मढ़े। झारखंड सरकार के मंत्री जनता के पैसों पर तमाम शौक पूरी करने और ऐश-मौज का जीवन जीने में व्यस्त हैं। खज़ाना खाली होने का हल्ला मचाने वाली राज्य सरकार ने महज़ 2 क्रिकेट मैच के आयोजन में 42 लाख रुपये ख़र्च कर डाले। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस कार्यक्रम पर तंज कसते हुए इसे अनुपयोगी आयोजन और गरीबों के साथ क्रूर मज़ाक बताया।
केन्द्र सरकार से जारी राशि का ख़र्च एवं बचत का ब्यौरा शीघ्र सार्वजनिक करें
उन्होंने कहा कि व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि ऐसी कोई संभावना भी नहीं दिखती की इस क्रिकेट मैच के बाद राज्य मंत्रिमंडल और सत्तारूढ़ दल का कोई विधायक निकट भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम में खेलता दिखे। जनता की टैक्स के 42 लाख रुपये महज़ मनोरंजन के लिए झारखंड सरकार ने ख़र्च कर दिये। कुणाल षाड़ंगी ने वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से माँग किया कि वे कोरोना संक्रमण के दौरान केंद्र की मोदी सरकार द्वारा झारखंड को आवंटित धन राशियों के ख़र्च एवं बचत का ब्यौरा शीघ्र सार्वजनिक करें। इसपर भी स्पष्टीकरण दें कि सरकारी अस्पतालों और संसाधनों को दुरुस्त करने की जगह सीएम के लिए बीएमडब्ल्यू कार और मंत्रियों के लिए फॉर्च्यूनर गाड़ी क्यों जरूरी है ? कुणाल षाड़ंगी ने आक्रामक लहजे में झारखंड सरकार को अकर्मण्यताओं पर घेरते हुए पूछा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड और ऑक्सिजन, जीवन रक्षण दवाइयों और उपकरण, इत्यादि खरीदने की जगह फॉर्च्यूनर गाड़ियां खरीदने और मंत्रियों के लिए आलीशान कोठियाँ बनाने की क्या उपयोगिता है ? कहा कि सरकारी कोष का दुरुपयोग कर के केंद्र सरकार पर दोष मढ़ने की गलत राजनीतिक परंपरा को अविलंब बंद करनी चाहिए।