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हैरानी : क्या सचमुच झारखंड के जंगलों में नक्सलियों के पास पाकिस्तान और चाइना से पहुंच रहा हथियार!

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सन्नी शारद, रांची:
रांची पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आज बताया कि पिछले एक सप्ताह में PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के 8 सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से कुल करीब 77 लाख रुपये नकद, लक्जरी गाड़ियां, नक्सलियों के सामान, विदेशी हथियार और रॉकेट लॉन्चर की तस्वीरें बरामद की गई हैं। पुलिस को अंदेशा है कि दिनेश गोप विदेशी आर्म्स सप्लायर के संपर्क में था और हो सकता है हथियारों की यह खेप झारखंड के जंगलों तक पहुंचाई गई हो। 

 

क्या है पूरा मामला

दरअसल रांची पुलिस को पिछले एक सप्ताह से उग्रवादी संगठन PLFI (People's liberation front of India) के विरुद्ध लगातार सफलता हाथ लग रही है। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि PLFI संगठन को हथियार और गोला बारूद सप्लाय करने का काम निवेश कुमार और कुछ लोग कर रहे हैं।

 

 

पुलिस ने एक SIT का गठन किया और छापेमारी कर धुर्वा डैम के पास से आर्या कुमार सिंह एवं अमीर चंद को लक्जरी गाड़ियों के साथ गिरफ्तार किया। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि मौके से निवेश कुमार, शुभम पोद्दार और धुव्र कुमार भागने में सफल रहा। उसके बाद खूंटी से सिम सप्लाय करने वाला और बिहार के बक्सर से भागे तीनों आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। 

 

 

निवेश के मोबाइल से पुलिस को मिले कई अहम सुराग

रांची पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के बक्सर से गिरफ्तार निवेश कुमार सिंह के मोबाइल से पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। निवेश दिनेश गोप का बेहद करीबी है। उसके मोबाइल से कई विदेशी हथियार की तस्वीरें, वीडियो और विदेश के लोगों से हथियार के सिलसिले में बातचीत के सबूत भी मिले हैं। पुलिस ने बताया कि ये पूरा गैंग इंटर स्टेट आर्म्स सप्लायर गैंग के संपर्क में था ये तो स्पष्ठ हो गया। अब आगे इन अपराधियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। पुलिस ने बताया कि निवेश के मोबाइल से रॉकेट लॉन्चर के साथ-साथ कई अत्याधुनिक हथियार की भी तस्वीरें मिली है। अगर ये हथियार जंगल तक पहुंच गए होंगे तो पुलिस को बड़ा नुकसान हो सकता है। 

 

 

 

दिनेश गोप के पैसों का निवेश और सप्लायर का करते थे काम

रांची पुलिस को जो अबतक जानकारी मिली है उसके अनुसार निवेश सहित उसका पूरा कुनबा PLFI संगठन के लिए लेवी वसूलने और उस पैसा को दूसरे राज्यों में इन्वेस्ट करने के साथ-साथ जंगल में नक्सलियों की जरूरत को पूरा करने का काम करते थे। पुलिस को आशंका है कि PLFI का सुप्रीमो दिनेश गोप चाहता था कि उसके संगठन का विस्तार दूसरे राज्यों में भी हो। 

 

झारखंड के कितने जिलों में है PLFI का विस्तार

PLFI उग्रवादियों का असर खूंटी, सिमडेगा, गुमला, रांची, लोहरदगा जिला में ज्यादा है। सबसे अधिक PLFI का प्रभाव खूंटी जिला में देखने को मिलता है। जहां हर दिन या तो PLFI का कोई सदस्य गिरफ्तार होता है या कोई घटना घट जाती है। PLFI की स्थापना से लेकर अबतक संगठन का मुखिया दिनेश गोप का पुलिस से सामना नहीं हुआ है। लेकिन माना यही जाता है कि अपने लड़ाका साथियों के साथ दिनेश गोप हमेशा जंगल में ही सक्रिय रहता है।