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एक स्टेशन ऐसा भी! आधा हिस्सा झारखंड तो आधा हिस्सा बिहार में, जानिए! इससे जुड़ी दिलचस्प बातें

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द फॉलोअप टीम, कोडरमा:
कोडरमा से लेकर गया तक का सफर अगर आपने किया होगा तो देखा होगा कि दोनों जिलों के बीच में कितना घना जंगल है। पूरा क्षेत्र बड़े-बड़े पहाड़ों से घिरा हुआ है। वनाच्छादित पहाड़ है यानी कि पूरा दृश्य सुन्दर है। कोडरमा से थोड़ी ही दूर पर कई सुरंगे हैं जो इसकी खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देती हैं। 



दो राज्यों की सीमा के बीच फंसा है स्टेशन
हम यहां आज ना कोडरमा स्टेशन की बात करेंगे और ना ही गया स्टेशन की। हम बात करने वाले हैं एक ऐसे स्टेशन की, जिसका आधा हिस्सा बिहार में है और आधा हिस्सा झारखंड में। पढ़ कर अजीब लग रहा है ना कि क्या सच में एक ऐसा स्टेशन भी है और वो भी हमारे झारखंड में। तो इस का जवाब है हां एक ऐसा स्टेशन है तो आइये जानते हैं इस दो मंझधार में फंसे स्टेशन के बारे में। 



कोडरमा आने के क्रम में पड़ता है स्टेशन
बिहार के गया से झारखंड के कोडरमा में आने के दौरान आप गुरपा स्टेशन पार करते है तब आपको सुरंग का इंतजार होता है। करीब दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर यहां पहाड़ों के बीच से तीन सुरंगे हैं। जैसे ही अंतिम वाला अंतिम सुरंग पार करते वैसे ही एक स्टेशन आता है दिलवा। इस दिलवा स्टेशन की भौगोलिक स्थिति जरा अजीब है क्योंकि ये आधा बिहार का है और आधा झारखण्ड का। जब भी यहां कोई घटना होती है तो दिलवा असमंजस में पड़ जाता है कि दोनों में से कौन से राज्य की पुलिस उसके मामले को सुलझाएगी।  यहां जो बोर्ड लगा है उसमे भी तीर के निशान से एक तरफ झारखंड और दूसरी तरफ बिहार की सीमा दर्शाई गई है। 

कौन-कौन सी सीमा को छूता है स्टेशन
दिलवा स्टेशन बिहार में नवादा जिला के रजौली थाना की सीमा को छूता है और झारखंड में कोडरमा में चंदवारा थाना की सीमा को।  ब्रिटिश शासन काल के दौरान ही पहाड़ों को काटकर यहां सुरंग बना था। यहां से सिर्फ दो लाइन गुजरती है। जिसकी अप लाइन झारखंड में है और डाउनलाइन बिहार में। सुरंग को पार करते ही गया जिला की सीमा शुरू हो जाती है। स्टेशन पर अप लाइन और अप लूप लाइन झारखंड की सीमा में है, जबकि डाउन लाइन और डाउन लूप लाइन बिहार राज्य की सीमा में। दिलवा के स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार कहते हैं कि दो राज्यों की सीमा पर होने के कारण किसी तरह की घटना होने पर दोनों राज्यों की पुलिस यहां पहुंच जाती है। कभी कभी यहां काफी मुश्किलें भी हो जाती हैं। 

इस स्टेशन में दो ट्रेनों का ठहराव है
फिलहाल दिलवा स्टेशन में दो पैसेंजर ट्रेन का ही ठहराव है। एक आसनसोल-वाराणसी पैसेंजर और धनबाद-गया ईएमयू पैसेंजर। स्टेशन के आसपास दोनों राज्यों के करीब 24 से 25 गांव हैं। यहां के लोगों के पास  यात्रा का एकमात्र साधन रेलवे ही है। जो ट्रेन यहां रुकती हैं उसी से लोग कोडरमा स्टेशन आते-जाते हैं।