द फॉलोअप टीम, वाराणसी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने वाले हैं। पीएम मोदी वाराणसी पहुंच चुके हैं, बनारस की जनता ने उनका स्वागत हर-हर महादेव के नारे के साथ किया। बनारस पहुंचते ही वह खिड़किया घाट के लिए निकल गए हैं। काल भैरव मंदिर में पीएम के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं। गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस लोकार्पण को यादगार बनाने के लिए तैयारियां की है।
क्या हैं तैयारियां
काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लोकार्पण के समय घाटों पर आतिशबाजी, लेजर शो और दीपोत्सव किया जाएगा। पूरे काशी में लघु भारत का विहंगम नजारा देखने को मिलेगा। लोकार्पण समारोह को आम जनता को दिखाने के लिए प्रदेश के सभी गांवों और 27 हजार से ज्यादा शिवालयों और प्रमुख मठ, मंदिरों में विशाल स्क्रीन लगाई जाएंगी। बता दें कि इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास पीएम ने 8 मार्च 2019 को किया था। 50 हजार वर्गफीट से ज्यादा एरिया में विश्वनाथ धाम बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 और 14 दिसंबर को वाराणसी में ही रहेंगे। आज 1 बजे प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे, उसके बाद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि यह मंदिर करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से बना है।
चुनाव में हो सकता है फायदा
यूपी चुनाव से पहले यूपी चुनाव से पहले का लोकार्पण होने के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। इसे एक सियासी प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है। उद्घाटन के साथ ही पीएम विकास के साथ ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अपने एजेंडे का भी साफ संदेश देंगे। यह लोकार्पण चुनावी अभियान का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि चुनाव में भाजपा को इसका पूरा फायदा मिल सकता है।
यूपी को दिये जा रहे हैं कई सौगात
हाल ही में भाजपा की सरकार ने यूपी की जनता को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट की सौगात दी है। विंध्याचल कॉरिडोर, राम मंदिर के बाद अब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सौगात को राजनीतिक संदेश को तौर पर भी लिया जा रहा है । कॉरिडोर लोकार्पण के साथ ही पीएम मोदी मंदिर चौक पर ही बने मंच से भक्तों से सीधा संवाद करेंगे।
क्या रहा है मंदिर का इतिहास
गौरतलब है कि बीते 241 सालों के काशी विश्वनाथ मंदिर का तीसरी बार रेनोवेट किया गया है। मंदिर को मुगलों ने कई बार नेस्तनाबूद करने का प्रयास किया था। हमलों से काशी विश्वनाथ मंदिर को काफी क्षति भी हुई है। सबसे पहले इस मंदिर को सन् 1780 में महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने रेनोवेट करवाया था । फिर सन् 1853 में महाराजा रणजीत सिंह इस मंदिर के कई स्थानों पर सोने जड़वाए थे। फिर साल 2019 में पीएम मोदी की परियोजना के तहत इस मंदिर में भव्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
सीएम योगी ने ट्वीट कर आभार व्यक्त किया
लोकार्पण का जायजा लेने सीएम योगी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वाराणसी पहुंचे हैं। सीएम ने ट्वीट कर पीएम का आभार व्यक्त कर लिखा, "काशी का शृंगार पूर्णता की ओर है। आदरणीय PM श्री जी के कर-कमलों से आज लोकार्पित होने जा रहा श्री काशी विश्वनाथ धाम का भव्य स्वरूप काशी के सांस्कृतिक, सामाजिक व आर्थिक उन्नयन का आधार बनेगा. काशी के पुरातन वैभव को पुनर्स्थापित करने के लिए आभार प्रधानमंत्री जी!