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कोरोना से हो गयी थी मासूम की मौत, अस्पताल में शव को छोड़ भागे माता-पिता

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द फॉलोअप टीम, रांची:
कोरोना काल में इंसानियत को तार-तार करने वाली कई तस्वीरें सामने आई। कोरोना संक्रमित मरीजों या उनके परिवार ने कभी ना कभी खुद को अकेला महसूस किया। कभी पड़ोसी मदद को नहीं आये तो कभी रिश्तेदारों ने साथ छोड़ दिया लेकिन, इस बीच रांची से एक ऐसी तस्वीर आई जिसने इंसानियत का कत्ल कर दिया। महज 2 साल के कोरोना पॉजिटिव बच्चे को अस्पताल में छोड़कर भाग गये। 

ढाई साल के मासूम का शव छोड़ भागे माता-पिता
मामला रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स का है। यहां 2 साल का बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया गया। हैरानी की बात है कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही बच्चे के माता-पिता बच्चे को अस्पताल में छोड़कर भाग गये। चिकित्सकों का कहना है कि फॉर्म में दिए गए नंबरों पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन कहा गया कि रॉंग नंबर है। आखिरकार बच्चे की मौत हो गयी। अस्पताल के कर्मियों ने ही बच्चे का अंतिम संस्कार किया। ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। 

जमुई के शंकर यादव ने बच्चे को किया था भर्ती
मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के जमुई जिला स्थित चकाई थानाक्षेत्र अंतर्गत नईडीह के रहने वाले शंकर यादव ने बेटे को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती किया। बच्चे की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। चिकित्सकों ने पूरा प्रयास किया लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। उसकी मौत हो गयी। अस्पताल कर्मियों का कहना है कि माता-पिता को जैसे ही बच्चे की मौत की खबर लगी वे भाग गये। कर्मियों ने अंतिम संस्कार के लिए जब फोन किया तो पिता ने रॉंग नंबर बताकर फोन काट दिया। 

रिम्स के ट्रॉलीमैन ने किया बच्चे की अंत्येष्टि
रिम्स में शीतगृह में बच्चे का शव रखवा दिया गया। 2 दिन तक किसी परिजन के आने का इंतजार किया गया। कई बार फोन किया गया। कभी उधर से फोन उठाया नहीं गया तो कभी रॉंग नंबर बताकर फोन काट दिया गया। आखिरकार कोई चारा ना देख नामकुम के घाघरा श्मशान घाट में ढाई साल के मासूम बिट्टू का अंतिम संस्कार किया गया। रिम्स के टॉलीमैन रंजीत बेदिया ने बच्चे का अंतिम संस्कार किया। वे बच्चे के सर को अपनी गोद में रखकर श्मशान तक ले गये।