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नीति आयोग की बैठक में झारखंड सरकार ने कोल कंपनियों से मांगी बकाया राशि, मिला आश्वासन

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड की हेमंत सरकार ने कोल कंपनियों से बकाया राशि की मांग की। नीति आयोग की बैठक में राज्य सरकार ने बकाया राशि की मांग की है। मिली जानकारी के मुताबिक बकाया राशि कुल 8 हजार करोड़ रुपये है। बैठक में झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से स्वर्णरेखा बहुउद्देश्य परियोजना में 60 फीसदी राशि की मांग केंद्र सरकार से की है। गौरतलब है कि इसमें 200 करोड़ रुपये ग्रांट की मांग भी की गई है। देखना होगा कि भुगतान कब होता है। 

नीति आयोग ने मांग लिया डीपीआर
बैठक में नीति आयोग ने राज्य सरकार से डीपीआर मांगा है। कहा है कि राज्य सरकार यदि डीपीआर भेजेगी तो नीति आयोग उसे केंद्र के पास भेजेगा। इसके बाद ही राशि का भुगतान किया जा सकता है। गौरतलब है कि सोमवार को नीति आयोग के साथ झारखंड के अधिकारियो की विशेष बैठक आयोजित की गई थी जहां ये मामला उठाया गया। 

डीवीसी में राशि कटौती पर आपत्ति
गौरतलब है कि दामोदर वैली कॉर्पोरेशन के लिए भी राशि की कटौती की जा रही है। इस पर राज्य सरकार ने आपत्ति जताई। राज्य की हेमंत सरकार ने कहा कि डीवीसी के लिए राज्य के खाते से राशि की कटौती गलत है। कहा कि डीवीसी राज्य की संपत्ति का इस्तेमाल कर रहा है, उसके एवज में झारखंड को उचित राशि का भुगतान किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। डीवीसी राज्य का अनुदानित मूल्य प्राप्त करता है। झारखंड को बाजार दर पर बिजली उपलब्ध करवाता है। बकाया भुगतान का अनावश्यक दबाव भी बनाया जा रहा है। 

नीति आयोग ने उचित कार्रवाई की बात की
मिली जानकारी के मुताबिक नीति आयोग ने आश्वासन दिया है कि डीवीसी मूल्य बिक्री के मामले मे उचित कार्रवाई की जायेगी। राज्य सरकार ने अलग-अलग पीएसयू पर बिजली बकाया के भुगतान की मांग की थी, नीति आयोग ने कहा कि इसमें भी जल्दी ही उचित कार्रवाई की जायेगी। राज्य सरकार ने 90 हजार रुपये की आत्मनिर्भर भारत योजना पेकैज में बिजली कंपनियों के लिए भी पेकैज की मांग की। कहा कि इसमें राशि की कटौती ना की जाये।