द फॉलोअप टीम, गढ़वा:
"देखिए ना सर! हम अकेली महिला हैं। मेरी 9 बेटियां हैं। एक बच्चा अभी अबोध है। मेरा पति मुंबई में रोजगार की तलाश में गया है। मेरे देवर ने मुझे घर से निकाल दिया। मैं अकेली महिला बारिश में बच्चों को लेकर कहां जाऊं। पुलिस में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। बताइये ना मैं क्या करूं"। ये कातर कथन उस महिला का है जिसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। महिला का नाम अंती देवी है।
गढ़वा जिला के नवाडीह गांव का मामला
मामला गढ़वा जिला के बरडीहा थानाक्षेत्र अंतर्गत नवाडीह का है। यहां अंती देवी नाम की महिला का आरोप है कि उसके देवर ने उन्हें और उनकी नौ बेटियों के मारपीट कर घर से निकाल दिया। देवर का नाम अजय सिंह है। महिला इस विकट परिस्थिति में गांव के विद्यालय में शरण लेने को विवश है। महिला का कहना है कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि उनकी बाकी की जिंदगी का क्या होगा। वे अपने बच्चों को क्या खिलाएंगी। पति भी मुंबई में रहता है। ये बोलते-बोलते अंती देवी के आंखों से आंसू ढलक जाते हैं। वो कातर स्वर में न्याय की गुहार लगा रही हैं।
पति काम की तलाश में मुंबई गया हुआ है
महिला का कहना है कि पति काम की तलाश में अक्सर बाहर ही रहता है। इस वक्त भी वो मुंबई गया है। देवर द्वारा उसे बारबार प्रताड़ित किया जाता है। उसने पुलिस में शिकायत की तो उसके देवर को गिरफ्तार किया गया लेकिन एक ही दिन बाद छोड़ दिया गया। महिला अंती देवी का आरोप है कि देवर ने जेल से छूटते ही उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसका पूरा घर तोड़ दिया। छप्पर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। मजबूरी में उन्हें अपने बच्चों के साथ स्कूल में शरण लेनी पड़ी।
पुलिस से भी महिला को सहायता नहीं मिली
पीड़िता अंती देवी का कहना है कि उसने बरडीहा थाना को फोन पर पूरी जानकारी दी। 2 दिन बाद पुलिस नवाडीह गांव पहुंची। पीड़िता का कहना है कि उन्हें पुलिस से कोई खास सहायता नहीं मिली। अंती देवी की बड़ी बेटी प्रियंका कुमारी का कहना है कि पुलिस वालों ने उसके परिवार को धमकाया और चुप रहने की सलाह दी। पीड़िता ने अब जिले के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है।