द फॉलोअप टीम, रांची:
प्रमुख वाम दल माकपा ने हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड सरकार से मांग की है कि बदहाली की शिकार एचईसी को जितनी जल्द हो टेक ओवर कर लेना चाहिए। पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि मोदी सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र विरोधी नीतियों के कारण झारखंड का प्रतिष्ठित मदर उधोग हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (HEC) अब पुरी तरह बंद होने के कगार पर है। केंद्र सरकार भी चाहती है कि HEC बंद हो जाय ताकि बाद में इसकी बहुमूल्य परिसंपत्ति वे अपने चहेते निजी कार्पोरेट घरानों के हवाले कर सकें। नीति आयोग ने भी पीएमओ को एचइसी को बंद किए जाने की सिफारिश की है जबकि एचइसी संयंत्र का आधुनिकीकरण कर और कार्यशील पूंजी का प्रावधान कर इस महत्वपूर्ण उधोग को बचाया जा सकता है।
प्रकाश विप्लव ने कहा कि एचईसी के पास जमीन की कमी नहीं है साथ ही वर्तमान में रक्षा मंत्रालय और इसरो समेत कई कंपनियों से लगभग 1200 करोड़ का कार्यादेश (वर्क ऑर्डर) भी है। एचईसी झारखंड की शान है और वर्तमान मे इसके सभी प्लांटों मे ठेका कर्मचारियों के रूप मे काम कर रहे कामगारों मे लगभग 80 प्रतिशत कामगार राज्य के स्थानीय निवासी हैं। इस परिस्थिति मे झारखंड सरकार को आगे आकर इस उधोग को बचाने का काम करना होगा। माकपा राज्य की हेमंत सरकार से अपील करती है कि राज्य हित और मजदूर हित मे वो इस कारखाने का टेक ओवर कर इसे स्टेट पीएसयु के रुप मे इसका पुनरुद्धार करने का रोड मैप बनाए। HEC का टेक ओवर करने से राज्य सरकार को इस उधोग के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मालिकाना हक भी मिल जायेगा। राज्य सरकार की गारंटी मिलने से बैंकों द्वारा भी एचइसी को कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी जा सकती है।
इसके अलावा एक विशेष पैकेज का निर्माण कर एचइसी के विस्थापितों के पुनर्वास के लंबित मामलों का भी निपटारा किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि उड़ीसा और केरल तथा वाम मोर्चा सरकार के समय पं. बंगाल मे कई बड़े बीमार उधोगों का टेक ओवर किया गया और ऐसे अधिग्रहित कल- कारखाने और प्रतिष्ठान आज सफलता पूर्वक उत्पादन कर रहे हैं। सीपीएम हेमंत सरकार से आग्रह करती है कि वो हिम्मत दिखाए और सर्वदलीय बैठक बुलाकर और भारी उधोग संचालन करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा कर HEC के टेकओवर की दिशा मे कदम उठाए। यदि हेमंत सरकार इस दिशा मे आगे बढती है तो माकपा इस कार्य मे पूरी तरह मदद करने के लिए तैयार है।