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विस्थापितों की समस्याओं के हल के लिए कृत संकल्प है हेमंत सरकार: रामेश्वर उरांव

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द फॉलोअप टीम, रांची:
राज्य के वित्त मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व की राज्य सरकार सिर्फ एचईसी के विस्थापित ही नहीं बल्कि राज्यभर के विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कृत संकल्प है। निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में यह देखने को मिलेगा भी। वो रविवार को विस्थापितों के हक-अधिकार और पुनर्वास की मांग को लेकर पुराना विधानसभा मैदान, धुर्वा में आयोजित रैली में बहैसियत मुख्य अतिथि बोल रहे थे। आयोजन एचईसी हटिया विस्थापित परिवार समिति के बैनर तले किया गया था।



हनुमान की तरह पहुंच जाते हैं : रामेश्वर 
रामेश्वर बोले कि विधायक बंधु तिर्की हनुमान की तरह है, जहां भी लोगों को समस्याएं होती हैं ये सबसे पहले पहुंच जाते हैं। एचईसी विस्थापितों की समस्या को मैं बहुत ही करीब से जानता हूं। मैं जब राष्ट्रीय  अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष था तब विस्थापितों के सभी 32 गांवों का भ्रमण कर रिपोर्ट तैयार की थी,  जिसे लागू करा कर समस्याओं को हल किया जा सकता है।



32 गांव के विस्थापितों को नहीं मिला भूमिपट्टा: बंधु तिर्की
बतौर मुख्य वक्ता विधायक बंधु तिर्की ने कहा, लगातार गांव-गांव घूमकर विस्थापितों की समस्या से रूबरू होने का अवसर मिला है। कई विस्थापित गांव की महिलाएं बाहर में शौच करने को विवश हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। 32 गांव के विस्थापितों को उनके जमीन के बदले 10 से 20 डिसमिल जमीन दी गई थी, परंतु आज भी उन्हें भूमि का पट्टा ना देने के कारण उनके बाल बच्चों का जाति आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। वे नौकरी से लेकर अन्य सुविधाओं से महरूम हैं।


सुबोधकांत, वासवी और राजेश भी बोले
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि 2013 में आप लोगों के पक्ष में कानून बनवाने का काम किया था। नई विधानसभा के शिलान्यास के मौके पर केंद्रीय मंत्री की हैसियत से मुझे जाने का अवसर प्राप्त हुआ था, तब आप सभी विस्थापित धरना-प्रदर्शन पर बैठे हुए थे। खिजरी विधायक राजेश कच्छप, पूर्व महिला आयोग सदस्यस वासवी किड़ो और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी अपने विचार रखे। मौके पर विस्थापित परिवार के राहुल उरांव, ऐनुल अंसारी, अजय कच्छप,आकाश तिर्की, बिनोद कच्छप,चिल्गु कच्छप,अजित उरांव, निकोलस एक्का,लछमी देवी, पार्वती कच्छप आदि मौजूद थे।



सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव किए गए पास 
1, विस्थापित आयोग का गठन किया जाय।
2, तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन,डॉ रामेश्वर उरांव द्वारा तैयार रिपोर्ट को लागू किया जाए।
3, भूमि अधिग्रहण कानून 2013(लारा)लागू करो।